पूर्व मंत्री ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुंचे बीजेपी सांसद के घर, कृषि कानून के विरोध में सौंपा पत्र

Atul Saxena
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इंदौर, आकाश धोलपुरे।  मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी (Jitu Patwari) सोमवार सुबह ट्रैक्टर पर कांग्रेसियों के साथ सवार शहर की सड़कों पर दिखे। इस दौरान उन्होंने राजबाड़ा स्थित देवी अहिल्या की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर केंद्र सरकार को किसानों के मुद्दे पर सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की। इसके बाद ट्रैक्टर चलाकर दो विधायकों और शहर कांग्रेस अध्यक्ष के साथ वो सीधे इंदौर से बीजेपी सांसद शंकर लालवानी के घर के पहुंचे। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने यहाँ एक पत्र सांसद के नाम सौंपा और आग्रह किया कि वो पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) तक कांग्रेस की मांग पहुंचाए और केंद्र सरकार किसानों के हित में फैसला ले ना कि किसी काले कानून को उन पर थोपे।

पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने विरोध जताकर सांसद से मुलाकात करने के बाद मीडिया से कहा कि वो सांसद से आग्रह करने आये थे कि किसानों की मांगें वाजिब हैं और सांसद सीधे पीएम मोदी से आग्रह करें कि कोरोना काल के दौरान किसानों ने शांति से विरोध कर अनूठा उदाहरण देशभर में पेश किया है और किसान हित में काले कृषि कानून को वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि जब स्टॉक की सीमा समाप्त हो जाएगी तो काला बाजारी को बल मिलेगा और मंडियों पर निजी सेक्टरों का एकाधिकार हो जाएगा तो किसानों के नियंत्रण के बाहर मंडिया हो जाएगी। वहीं उन्होंने समर्थन मूल्य को कानून में लिखे जाने की मांग की और कहा कि कांग्रेस किसानों के दिल्ली में चल रहे आंदोलन का समर्थन करती है। इधर स्थानीय मुद्दों जैसे सोयाबीन के बीज की कमी, डीएपी की कमी और बिजली के बिलों में वृद्धि को लेकर भी कांग्रेस ने सांसद से चर्चा की।

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हालांकि सड़क पर उतरी कांग्रेस के विरोध को सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि कांग्रेस विरोध के लिए विरोध करने आई थी। कोई ठोस मुद्दे नही थे। सांसद ने कहा कि प्रजातांत्रिक तरीके से जिस कानून को लोकसभा और राज्यसभा ने पास किया है उस कानून के खिलाफ पूर्व मंत्री और अन्य विधायक बोलने आये थे। वही सांसद ने कहा कि जो किसानों की बात कर रहे हैं वर्षो तक उनकी सरकार रही है यहां तक कि कृषि कानून का तो कांग्रेस सरकार के दौरान गठित किये आयोग की रिपोर्ट के आधार पर तीनों कृषि कानून बने है। वहीं कानूनों के लागू होने से किसानों को अपनी उपज को बेचने की अधिक स्वतंत्रता मिलेगी वो अपनी उपज विदेशो में भी बेच सकेंगे। सोयाबीन के बीज की कमी को लेकर सांसद लालवानी ने कहा खुद कांग्रेस विधायक ने भी माना है कि 3 सालों से लगातार सोयाबीन की फसल खराब हो रही है और बीज फसल से ही निकलता है और इस समस्या को लेकर एक खुली बैठक भी बीजेपी सरकार ने कराई थी।

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फिलहाल, कांग्रेस के अनूठे विरोध के साथ पत्र के जरिये उठाये गए 7 सवाल के जबाव तो कांग्रेस को मिलना मुश्किल है लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि कृषि कानून के विरोध में लंबे समय से विरोध पर अडिग किसानों का समर्थन कांग्रेस को दिसम्बर में ही कर देना था।  यह बात ये भी साफ कर रही है कि विरोध का विषय और समय की प्रासंगिकता का भान और उसे भुनाने में कांग्रेस पिछड़ी नजर आ रही है जबकि किसानों की समस्या के साथ साथ पेट्रोल और डीजल के दामों  की मूल्य वृद्धि सीधे आम जनता और किसानों से जुड़ी है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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