दमोह, डेस्क रिपोर्ट। कांग्रेस की सरकार में में मंत्री रह चुके राजा पटेरिया का एक विवादास्पद बयान सामने आया है। उन्होंने दमोह में आदिवासियों का पक्ष लेते हुए पुलिस अधिकारियों को धमकी दी कि यदि न्याय नहीं मिला, तो इन आदिवासियों को नक्सली बना देंगे। राजा पटेरिया 1998 से 2003 तक दिग्विजय की कांग्रेस सरकार में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हैं। समय-समय पर विधानसभा प्रत्याशी के लिए दावेदारी भी करते रहते हैं। राजा पटेरिया ने उस क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस से कहा है कि यदि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वे गांव के सैकड़ों लोगों के साथ उस क्षेत्र के सभी सरकारी कार्यालयों में जाकर तालाबंदी करेंगे।
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दरअसल राजा पटेरिया दमोह और पन्ना जिले के रेपुरा गांव में सदस्यता अभियान के लिए जगह-जगह पहुंच रहे हैं। इसी दौरान जब वह आदिवासियों के बीच पहुंचे तो उन्हे आदिवासियों ने बताया की वन विभाग ने पुलिस की मदद से वन भूमि पर खड़ी उनकी फसलों को बर्बाद कर दिया है। उनकी महिलाओं के साथ बदसलूकी भी की है। आदिवासियों की आपबीती सुनकर पूर्व मंत्री पटेरिया हैरान रह गए, उन्होंने उसी समय क्षेत्र के रेंजर, डिप्टी रेंजर और रैपुरा थाना प्रभारी को फोन लगाकर खरी-खोटी सुना डाली। रेपुरा थाना प्रभारी से फोन पर बात करते हुए पूर्व मंत्री पटेरिया ने कहा कि क्षेत्र के आदिवासी जो 2005 के पहले से जंगल की जमीन पर काबिज हैं और खेती करके अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं, उन्हें हटाना गलत है। इस तरह आदिवासियों को परेशान करना, उनकी महिलाओं से मारपीट करना कानूनन गलत है। संसद में कानून पारित किया गया है कि जो भी आदिवासी 2005 के पहले से वन भूमि पर काबिज हैं, उनको उसका पट्टा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि बस्तर और आंध्र प्रदेश में नक्सलवाद पनप रहा है। क्योंकि आदिवासियों को न्याय नहीं मिलेगा तो उन्हें मजबूरी में हथियार उठाने पड़ेंगे। राजा पटेरिया ने इस मामले में नाराजगी जताते हुए साफ ख दिया की अब वह आदिवासियों के साथ सड़क पर उतरेगे।