भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के बैतूल (betul) निवासी एक बुजुर्ग ने 1947 में भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी (independence) दिलवाने में महत्वपूर्ण (important) भूमिका नभाई थी। अब एक बार फिर उन्होंने बहुत ही तगड़े योद्धा से लड़ाई (fight) मोल ली थी जिसे हराकर (defeated) उन्होंने पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की है। ये हम सभी के लिए एक अच्छी और सकारात्मक (positive) है। इन बुजुर्ग की आयु 104 साल है और इन्होंने कोरोना को मात दे दी है। ये स्वतन्त्रता सेनानी बैतूल के रहने वाले हैं और यहीं इन्होंने कोरोना (corona) को मात दी है।
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