मुरैना, डेस्क रिपोर्ट। बेटे-बेटी में समानता की बातें चाहे लाख की जाती हो लेकिन आज भी कुछ इलाके ऐसे हैं जहां बेटी का जन्म अभिशाप ही है। ग्वालियर चंबल अंचल के विशेषकर भिंड और मुरैना जिलों में स्त्री पुरुष अनुपात में विसंगति का बड़ा कारण पैदा होते ही बच्चियों की हत्या करना रहा है ।ऐसा ही एक मामला मुरैना जिले में सामने आया है जब जिला जिला अस्पताल में जन्म के चौथे दिन एक बच्ची की गला घोट कर हत्या कर दी गई ।
दरअसल इस बच्ची के जन्म के बाद ही उसकी दादी ने बच्चे की मां यानी अपनी बहू को ताना मारा था कि “कलमुही कहां से पैदा हो गई ,जाय नेक ढंग से रगड़ डाल”। इतना सुनते ही बच्ची के पिता ने उसकी नाक और मुंह बंद कर दी और उसके बाद भी उसके शरीर में जब जान दिखी तो गला घोट कर मार डाला। इस मामले में जब संदिग्धता दिखी तो पुलिस को सूचना दी गई और टीआई कोतवाली अजय चानना ने मृत बच्ची की दादी रूपाली रावत ,पिता शैलेंद्र रावत और मंजू रावत से कड़ाई से पूछताछ की तब यह मामला सामने आया ।
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पुलिस ने इस मामले में एफ आई आर दर्ज कर ली है और आरोपी दादी और माता पिता के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है ।लेकिन इस पूरे मामले में एक बार फिर इस बात को साबित कर दिया है कि सरकारो के तमाम अभियानों के बावजूद भी अभी तक बच्चियों को लाडली लक्ष्मी स्वीकारने का मन कई लोग नहीं बना पाए हैं और यही कारण है कि इस तरह की घटनाएं लगातार घट रही है।
भिंड जिले में तो बच्ची के जन्म के साथ ही उसकी बुआ के द्वारा बच्ची के मुंह में अफीम रखकर उसकी जान लेने के कई मामले अक्सर सुनाई पढ़ते रहते हैं। अब ऐसे में जरूरत है कि इस तरह के कृत्यों में लिप्त लोगों को कड़ाई से दंडित करने की ताकि समाज के सामने न केवल एक मिसाल कायम हो बल्कि लोगों को यह भी एहसास हो पाए कि इस तरह के कृत्य करने की सजा क्या होती है।