रतलाम।सुशील खरे।
रतलाम(ratlam) पुलिस(police) के एक आरक्षक घनश्याम दडिंग का एक नया चेहरा सामने आया है। जो एक मानवता की मिसाल पेश करता है। रतलाम से राजस्थान(rajasthan) में ह। मजदूरों को लेने के लिए बस से डयूटी पर गए आरक्षक बेज नंबर 1154 घनश्याम दडिंग अपनी बस लेकर नयागांव रतलाम बॉर्डर(border) पर मजदूरों को लेने गए थे। क्योंकि राजस्थान से इन मजदूरों को लाकर रतलाम बॉर्डर पर छोड़ दिया गया था। इसके पश्चात मानन खेड़ा नाके पर बस का स्टाफ बनाया गया तथा वहां से श्रमिकों(laborers) को अपने-अपने गृह स्थल पहुंचाया गया श्रमिकों के वापिस लौटते समय बस में सवार 30 मजदूरों को आरक्षक ने प्रति व्यक्ति 500 रुपये रुपये दिये ।
500 रुपये इसलिये दिए ताकि मजदूरों 7-8 दिन का राशन खरीद कर अपने परिवार का भरण पोषण कर सके। बड़ी बात यह है कि इस आरक्षक की जेब मे पैसे नही थे। इन्होंने अपने मित्र को 15000 रुपया का पेटीएम करा ओर दलोदा से दोस्त के माध्यम से उसे केश मिला कर कुल 15000 रुपये इन मजदूरों को बांटे है। इसमें बाद बात यह है कि यह आरक्षक एक किसान परिवार से आता है। इसने खुद ने खेतो में किसानी का कार्य किया है तथा इसकी सेलेरी 20000 प्रतिमाह है । एवं यह किराए से रतलाम में रह रहा हे उसके बाद भी इसकी दरिया दिली की दाद देना पड़ेगी। आज के समय मे मैं जब आदमी को आदमी की आवश्यकता है। इस आरक्षक ने सहायता की मानवता की एक अनोखी मिसाल पेश करि है।