खुशखबरी! फसलों के नुकसान होने पर किसानों को मिलेगा न्यूनतम 5000 रुपए का मुआवजा

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आज कैबिनेट की बैठक (Cabinet meeting) आयोजित की गई थी। जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। इन फैसलों में यह भी कहा गया कि अब जंगली जानवरों (Wild animals) से फसल को नुकसान (Crop damage) पहुंचाने पर मुआवजा मिलेगा। साथ ही प्राकृतिक आपदा (natural calamity) पर भी किसानों को कम से कम 5000 रुपए की अनुदान राशि (Grant money) दी जाएगी। वहीं शीतकालीन सत्र (winter session) स्थगित हो गई थी, जिसके बाद लव जिहाद संबंधित कानून अध्यादेश के माध्यम से मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में लागू किया गया है। इस संबंध में कैबिनेट (Cabinet meeting) ने धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020 (Freedom of Religion Bill -2020) को मंजूरी दी है। जिसे विधानसभा के बजट सत्र में पेश किया जाएगा। ये सारे फैसले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) के कैबिनेट बैठक में लिया गया है।

किसानों को मिलेगा 5 हजार रुपए का निश्चित मुआवजा

बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि मध्य प्रदेश के किसानों (Farmers of Madhya Pradesh) को अब 100 या 200 रुपए का मुआवजा नहीं दिया जाएगा, बल्कि कम से कम 5000 रुपए का मुआवजा (Compensation of Rs 5000) किसानों को दी जाएगी। बैठक में कहा गया कि किसानों की फसलों को किसी भी तरह से नुकसान होने पर यह मुआवजा दिया जाएगा। चाहे प्राकृतिक आपदा (natural calamity) हो या फिर जानवरों के द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाया गया हो, किसानों को 5000 रुपए का मुआवजा मिलेगा ही।

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राज्य कैबिनेट में लिए गए अहम फैसले

  • जंगली जानवरों द्वारा किसानों के फसलों को नुकसान पहुंचाने पर अब निश्चित तौर पर मुआवजा मिलेगा।
  • जिसके लिए राजस्व पुस्तिका परिपत्र में संशोधन के प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
  • अगर वन्य प्राणियों द्वारा किसी भी किसान के मकान को नुकसान पहुंचता है, तब भी किसानों को मुआवजा मिलेगा।
  • इसके अलाव यदि प्राकृतिक आपदा या अग्नि दुर्घटना होने पर भी किसानों को आर्थिक सहायता के रूप में 5 हजार रुपए दिए जाने का फैसला किया गया है।

सीएम शिवराज ने कैबिनेट को किया संबोधित

बता दें कि मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक की शुरुआत की गई। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को संबोधित करते मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से चल रहे अलग-अलग अभियानों के बारे बताया।

मध्यप्रदेश में सरकारी जमीन को भूमाफिया के कब्जे से मुक्त कराया गया है। जिसकी कीमत करीब 9 हजार करोड़ रुपए है।लगातार चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जिसके तहत अब तक 50 हजार नागरिकों को 800 करोड़ रुपये उनके वापस किए गए हैं। मिलावटखोरों और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ प्रशासन द्वारा कार्रवाई जारी है। जिसके तहत करीब 227 मिलावटखोरों के और 331 राशन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हुई है।प्रदेश से लापता और बाल मजदूरी करने वाले करीब 9500 बच्चों को मुक्त कराया गया है, जिसमें करीब 80% बेटियां शामिल हैं।

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जानवर के फसल और मकान को नुकसान पहुंचाने पर मुआवजा का नहीं था प्रावधान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अभी तक किसी जानवर के फसल और मकान को नुकसान पहुंचाने पर मुआवजा देने का कोई भी प्रावधान नहीं था। जिसे अब लाया जा रहा है, अब किसानों को मुआवजा अवश्य मिलेगा। इस दौरान तकनीकी शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कैबिनेट में लिए गए फैसलों को लेकर कहा कि धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020 को कैबिनेट ने धर्म हरी झंडी दिखा दी है। जिसके बाद इसे विधानसभा के बजट सत्र में पेश किया जाएगा।

कैबिनेट में यह भी लिए गए निर्णय-

  • जलजीवन मिशन के तहत अब घर-घर स्वच्छ पानी पहुंचेगा।
  • मध्यम सिंचाई परियोजना से 3050 में सिंचाई होगी, 93.75 करोड़ की प्रशासकीय को स्वीकृति मिली ।
  • 50 हज़ार करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाया गया है।
  • प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य 2023 रखा गया है।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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