भोपाल।
मध्यप्रदेश में पिछले दिनों हुए सियासी घटनाक्रम की वजह से आईएएस-आईपीएस पदोन्नति पर ब्रेक लग गया है। हालांकि पदोन्नति के लिए केंद्र सरकार ने हरी झंडी पहले ही दे दी थी किंतु प्रदेश के सियासी घटनाक्रम और फिर कोरोना संकट में उलझ कर यह मामला अब जून तक टलता नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि जून से पहले संघ लोक सेवा आयोग द्वारा विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक नहीं हो पाएगी। जिसके बाद गृह विभाग ने प्रस्ताव तैयार करने के काम पर रोक लगा दी है।
दरअसल इस बार प्रदेश में पदोन्नति के लिए 18 आईएएस और 8 आईपीएस अफसर के नाम जारी किए गए थे। जिनको केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी भी दी जा चुकी थी। वही मार्च अप्रैल माह मेन की पदोन्नति के लिए जनवरी से ही तैयारियां शुरू की जा चुकी थी। जिसके लिए अधिकारियों की गोपनीय चरित्रावली विभागीय जांच सहित कई अन्य जानकारी जुटाई गई थी। वहीं दूसरी तरफ गृह विभाग द्वारा भी 8 पदों पर प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था जहां से उन्हें मंजूरी प्राप्त हो चुकी थी। वहीं अधिकारियों की माने तो पहले प्रदेश में हुए सियासी घटनाक्रम और उसके बाद को रोना संक्रमण की वजह से पदोन्नति की फाइलों पर अभी के लिए ताला लगता दिखाई दे रहा है। वहीं कोरोना संक्रमण के बीच जारी आदेश के पालन के लिए सभी कर्मचारी प्रशासनिक समन्वयन में व्यस्त हैं जिस वजह से वह कार्यालय नहीं पहुंच पा रहे हैं।
बता दें कि राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग में प्रशासनिक अधिकरण और फिर हाईकोर्ट में चुनौती देने वाले 6 अधिकारी को इस पर पदोन्नति दी जा रही है। जिसमें विनय निगम, राजेश ऑग्रे, अरुण परमार, भारती ऑग्रे, विवेक श्रोत्रिय, और वरद मूर्ति मिश्रा पदोन्नति के पात्रता श्रेणी में तो शामिल है किंतु अभी इनके नाम पर सहमति नहीं बन पाई है। बताया जा रहा है कि पदोन्नति के लिए 1995 96 वर्ष के राज्य पुलिस सेवा अधिकारी के नाम प्रस्तावित किए गए हैं। जिसमें यशपाल सिंह राजपूत, धर्मवीर सिंह, वीरेंद्र मिश्रा, अरविंद कुमार, प्रियंका मिश्रा, देवेंद्र सिरोलिया, विजय भगवानी, प्रकाश चंद्र परिहर, निश्चल झारिया, रचना ठाकुर, जगदीश टावर, संतोष कोरी, रामजी श्रीवास्तव, जितेंद्र सिंह पवार सुनील कुमार तिवारी, संजीव कुमार सिन्हा, संजीव कुमार कंचन, मनीष खत्री, राजेश कुमार त्रिपाठी, मनोहर सिंह मंडलोई के अलावा रामजी श्रीवास्तव के नाम पर सहमति बनती दिख रही है।