इंदौर, आकाश धोलपुरे। कोरोना वायरस (Corona Virus) ने बीते करीब एक साल से देशभर में तबाही मचाई हुई है वही समूचे देश को लंबे समय से इस बात का इंतजार था कि कोरोना को हराने के लिए कोई वैक्सीन (Vaccine) आये है। जिसके बाद देश ही नही बल्कि दुनियाभर में कोविड – 19 की वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) को बनाने के लिए वैज्ञानिको और डॉक्टर्स ने प्रयास शुरू कर दिए और अब देश में दो वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है और ये वैक्सीन, वैक्सीनेशन की प्रक्रिया के तैयार है। देशभर में 16 जनवरी से कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन होगा, इस महाअभियान में इंदौर भी एक बड़ा हिस्सा होगा और इंदौर में सबसे पहले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता और फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स को निःशुल्क टीका लगाया जाएगा।
शुक्रवार को इंदौर की प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गाडरिया ने इंदौर में वैक्सीनेशन प्रोग्राम की जानकारी देते हुए बताया कि कल से वैक्सीन लगना शुरू हो जाएगी और वैक्सीन के 2 डोज लगाए जाएंगे वही पहला में डोस लगाये जाने के 28 दिन बाद दूसरा डोज लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि वैक्सीन 18 वर्ष की उम्र पार कर चुके लोगो को ही लगाई जाएगी साथ ही वैक्सीन उन लोगो को भी लगाई जाएगी जो कोरोना से ग्रसित होकर ठीक हो गए है हालांकि उनके लिए ये बात जरूरी होगी उन्हें वैक्सीन ठीक होने के 4 से 8 हफ्तों के बाद ही वैक्सीन लगाई जाएगी इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को यह टीका नहीं लगाया जाएगा।
डॉ. पूर्णिमा गाडरिया ने बताया कि इंदौर शहर में 5 शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों में टीकाकरण किया जाएगा। इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज, बॉम्बे हॉस्पिटल, राजश्री अपोलो, अरविंदो अस्पताल और ESI अस्पताल को सेंटर्स बनाया गया है। सबसे पहले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता डॉक्टर्स और नर्सेस के साथ ही फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी इनके अलावा ऐसे व्यक्ति जो जोखिम समूह में आते हैं उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।
प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 वैक्सीन का डोज 0.5ml है। इसे ए.डी. सिरिंज का उपयोग कर दायी भुजा में ने लगाया जाएगा। टीकाकरण के बाद 30 मिनट तक वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति को सेंटर पर जाएगा वहीटीकाकरण के बाद असमान्य लक्षण दिखने पर तुरंत आशा और ए.एन.एम. को सूचित किया जाएगा। वही उन्होंने बताया की 50 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले और को – मार्बिट वाले लोगो का टीकाकरण कर 78 प्रतिशत लोगो की जान बचाई जा सकती है। वही उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि मीडिया इस संबंध में किसी भी खबर को आम जन तक तथ्यात्मक और प्रमाणिक आधार पर पहुंचाये।