भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कांग्रेस (Congress) छोड़ भाजपा (BJP) का हाथ थामने के बाद से मध्यप्रदेश में इमरती देवी के नक्षत्र बदलते नजर आ रहे हैं। लगातार किसी ना किसी मुद्दे पर इमरती देवी और बीजेपी के बीच तनातनी देखने को मिल रही है। जिसके बाद मध्य प्रदेश राजनीति (Madhya pradesh Politics) में यह चर्चा आम हो गई है कि भाजपा संगठन और स्वयं सेवक संघ इमरती देवी से खासे नाराज नजर आ रहे हैं। जिसका असर इमरती देवी (Imarti Devi) के भविष्य पर पड़ सकता है।
दरअसल उपचुनाव (By-election) में डबरा विधानसभा सीट (Dabra Assembly Seat) से हारने के बाद भी इमरती देवी मंत्री पद से इस्तीफा देने को राजी नहीं है। पार्टी ने कई बार उनसे नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की बात कही किंतु भोपाल तक आने के बावजूद इमरती देवी ने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया और वापस चली गई। वही सूत्रों के मुताबिक भाजपा प्रदेश कार्यालय में चर्चा है कि इमरती देवी पार्टी के सामने मनमानी शर्त रख रही हैं। इतना ही नहीं इमरती देवी इस बात का एहसान भी जता रही है कि यदि कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर वह बीजेपी में शामिल नहीं होती तो मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार वापसी नहीं कर पाती।
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इमरती देवी के मनमाने शर्त की वजह से प्रदेश में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि क्या भाजपा संगठन अब नगर निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव से भी उन्हें दूर रखने की तैयारी में है। बता दें कि मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में डबरा विधानसभा सीट से इमरती देवी को कांग्रेस के सुरेश राजे के हाथ 7000 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। बावजूद इसके उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है। जबकि भाजपा की ओर से नैतिकता के नाम पर इस्तीफा के बयान सामने आ चुके थे।
इस बीच इमरती देवी भोपाल पहुंची थी लेकिन बिना मंत्री पद से इस्तीफा दिया वह वापस लौट गई थी जबकि गिर्राज दंडोतिया ने अपना इस्तीफा पार्टी को सौंप दिया था। वहीं सूत्रों के मुताबिक हारे हुए तीनों मंत्रियों को बोर्ड या निगम में समायोजित करने की बात कही गई थी। इधर चर्चा तेज है कि भाजपा संगठन और आरएसएस इमरती देवी के अनुशासनहीनता से काफी नाराज है। अब ऐसे में भविष्य में इमरती देवी को लेकर बीजेपी के नियम कितने सख्त होंगे। ये तो वक्त ही बताएगा।