जबलपुर, संदीप कुमार। मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court)ने निजी स्कूलों (Private school) में फीस को लेकर आज बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने गुरुवार को अपने आदेश में कहा है कि कोरोना खत्म होने तक निजी स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस (tuition fees) वसूल सकेंगे। इसके अलावा अन्य किसी तरह की चार्जेस नहीं वसूल सकते हैं।
दरअसल निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूली मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया है।जबलपुर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। जबलपुर हाईकोर्ट ने 1 सितंबर 2020 के आदेश को यथावत रखा है। हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना काल खत्म होने तक निजी स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस वसूल सकेंगे।
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वही हाईकोर्ट ने कहा कि निजी स्कूल द्वारा किसी भी तरह का एरियर्स बाद में नहीं वसूला जा सकेगा। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि किसी भी स्थिति में बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित नहीं रखा जा सकता है। अगर कोई भी निजी स्कूल इस तरह की हरकतें करते पकड़ा जाता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना काल के बाद जब भी स्कूल खुलेंगे। उसके बाद सेशन में फीस बढ़ाने का फैसला राज्य शासन द्वारा लिया जाएगा। इससे पहले स्कूल संचालक ट्यूशन फीस बढ़ा भी नहीं सकेंगे यह आदेश है कोर्ट ने दिए हैं।
बता दें कि अभिभावकों द्वारा लगातार निजी स्कूल संचालकों पर आरोप लगाया जा रहा था कि ट्यूशन फीस के साथ-साथ अन्य तरह के मद को जोड़कर स्कूल संचालक ट्यूशन फीस की मांग कर रहे हैं। जिसके बाद कई तरह की याचिका हाईकोर्ट में पेश की गई थी। इसी पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि कोरोना संकटकाल के वक्त में निजी स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ही वसूल सकेंगे। उसी आदेश को पूर्ववत रखते हुए हाईकोर्ट ने 13 पन्नों का फैसला तैयार किया है।
गौरतलब है कि निजी स्कूल संचालक लॉकडाउन व कोरोना संकट के दौरान स्कूल बंद रहने के बावजूद पूरी फीस लेना चाहते थे। इसके पीछे लॉकडाउन में भी बच्चों की आॅनलाइन क्लास लगाने का हवाला भी दिया गया था।