जूनियर डॉक्टर्स गए हड़ताल पर, सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

Atul Saxena
Published on -

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर के जीआर मेडिकल कॉलेज (G R Medical College) के जूनियर डॉक्टर्स (Junior Doctors) हड़ताल (Strike) पर चले गए हैं।  इमरजेंसी सेवाओं सहित अन्य जरुरी सेवाओं से खुद को अलग करते हुए जूनियर डॉक्टर्स (Junior Doctors) धरने पर बैठ गए हैं। जूनियर डॉक्टर्स (Junior Doctors)का कहना है कि सरकार धोखा कर रही है, सरकार ने वादाखिलाफी की है इसलिए मज़बूरी में ये फैसला लेना पड़ा है।

मध्यप्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के 3000 जूनियर डॉक्टर्स अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकिन हड़ताल पर चले गए हैं।  इस हड़ताल में ग्वालियर के जीआर मेडिकल कॉलेज (G R Medical College)के 330 जूनियर डॉक्टर्स (Junior Doctors) भी शामिल हैं। जूनियर डॉक्टर्स ने कहा कि पिछले 6 माह से निरंतर अपनी लंबित मांगों को पूरा करने के लिए शासन से मांग कर रहे हैं लेकिन अब धैर्य टूट रहा है।

ये भी पढ़ें – बोले सारंग – यदि जूनियर डॉक्टर काम पर नहीं लौटे तो करेंगे कार्रवाई

सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए ग्वालियर के जीआर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स (Junior Doctors) हड़ताल पर चले गए हैं।  जूनियर डॉक्टर्स (Junior Doctors) ने सोमवार को विरोध स्वरुप काली पट्टी बांधकर काम किया हुए किये गए वादे के मुताबिक 01 जून मंगलवार से उन्होंने इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी।

ये भी पढ़ें – Video: सरकारी गाड़ी में ड्राइवर दोस्तों संग पी रहा था शराब, कांग्रेस ने कसा तंज

ग्वालियर जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ भरत बाथम ने कहा कि हम कई बार सरकार की बात पर भरोसा कर हड़ताल पर जाने का फैसला वापस ले चुके हैं। कोरोना काल (Corona Era) में भी जूनियर डॉक्टर्स ने लगातार 24 घंटे सेवाएं दी है लेकिन सरकार फिर भी हमारे बारे में नहीं सोच रही।

ये भी पढ़ें – देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड: विधायक रामबाई के पति को SC से झटका, खारिज हुई जमानत याचिका

जूनियर डॉक्टर्स सचिव ने कहा कि इसी महीने 6 मई 2021 को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मिले ठोस आश्वासन के बाद जूनियर डॉक्टर्स ने मानवता की दृष्टि से मरीज़ों की भलाई हेतु हड़ताल को स्थगित करने का फैसला लिया था। परंतु इसके उलट सरकार ने जूनियर डॉक्टर्स से वादाखिलाफी की है जिससे यह मालूम पड़ता है कि सरकार को जनता की कोई फिक्र नहीं है। हमने 28 मई को हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी लेकिन सरकार नजरअंदाज कर दिया। जो सरकार की मंशा बताता है।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News