भोपाल/नई दिल्ली।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पीएम मोदी को कोरोना संकटकाल के बीच कुछ सुझाव दिए है। नाथ का कहना है किहमारी सप्लाई चेन नहीं टूटनी चाहिए। जो उत्पादक राज्य हैं वहाँ उनके उत्पादन को बरक़रार रखने की कोशिश होनी चाहिए। देश भर के ज़्यादा संक्रमित जिलों की रैपिड मैपिंग हो और वहाँ रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट अधिक से अधिक कराए जाएँ।
नाथ ने आगे कहा कि देश के हर जिले में प्रवासी मज़दूरों और छात्रों की मदद के लिए एक केंद्र स्थापित किए जाए। उनमें भरोसा जगाया जाए और जो अपने घर जाना चाहते हैं उन्हें समयबद्ध तरीक़े से भेजा जाए। मनरेगा के कानून में प्रावधान है कि अगर सरकार उन्हें काम नहीं दे सकती है तो मुआवज़ा देना होगा। उन्हें तुरंत मुआवज़ा दिया जाए। किसानों की रबी फ़सल की समर्थन मूल्य पर ख़रीदी के लिए तत्परता से कार्यवाही की जाए। जो कोरोना मरीज़ ठीक हो कर घर जा चुके हैं उनकी कुछ समय के लिए नियमित जाँच निर्धारित की जाए। साधारण मरीज़ों को देखने वाले डॉक्टरों को भी PPE अनिवार्य किया जाए, ताकि वे भी संक्रमण से बचे रहें और बाकी पेशेंट्स भी सुरक्षित रहें।
नाथ ने कहा कि आज पूरी दुनिया एक गंभीर महामारी की चपेट में है। दुनिया के सभी देश सामूहिक रूप से भी और अपने-अपने स्तर पर इसका समाधान तलाश रहे हैं। हज़ारों लोग रोज़ इस महामारी की चपेट में आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी इस महामारी से लड़ाई में केंद्र सरकार के साथ है। हम यह लड़ाई ऊँचे हौसले से लड़ रहे हैं।सब मिलकर लड़ रहे हैं। सभी दल अपनी पार्टी के दायरे से ऊपर उठकर एक साथ हैं। हम हर हाल में सब मिलकर इस लड़ाई को जीतेंगे । मैं अपने राज्य मध्यप्रदेश को लेकर भी बेहद चिंतित हूँ।
नाथ ने कहा कि आज इस लड़ाई की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी हैल्थ डिपार्टमेंट की है और मेरे प्रदेश के हैल्थ डिपार्टमेंट की प्रिंसिपल सेकेट्री सहित 45 से अधिक अधिकारी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। मध्यप्रदेश वह पहला राज्य है, जहाँ इस जंग में दो डॉक्टरों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। इंदौर शहर सबसे ज़्यादा प्रभावित है और राजधानी भोपाल दूसरे नंबर पर है। मध्यप्रदेश देश का एकमात्र प्रदेश है जहाँ जितने मरीज़ ठीक हुए हैं लगभग उतनों की ही मृत्यु हो गई है। इस लॉक डाउन का लाभ तब ही होगा जब हम अधिक से अधिक टैस्ट कराएंगे।