भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मप्र में 28 विधानसभा (Vidhansabha) सीटों के उपचुनाव (By-election) कई मामलों में याद किए जाएंगे। इस दौरान दिग्गज नेताओं की नई पीढ़ी भी प्रचारयुद्ध में पहली बार ‘बल्लेबाजी’ करती नजर आई। इनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) के पुत्र कार्तिकेय (Kartiken), केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण, पूर्व सांसद प्रभात झा के बेटे तुष्मुल और पूर्व मंत्री दीपक जोशी के पुत्र जयवर्धन सहित नेता-पुत्रों की बड़ी टोली शामिल रही
। ज्यादातर युवा-तुर्क ऐसे हैं जो अब तक पिता के चुनाव क्षेत्र तक ही सीमित थे। इस बार दूसरे चुनावी क्षेत्रों में जाकर अपने जलवे दिखाए। सियासत में लांंचग के बाद नेता-पुत्रों की यह कवायद ‘नेट-प्रेक्टिस’ की तरह देखी जा रही है। आगामी चुनाव में इनमें से कई चेहरे बतौर प्रत्याशी भी नजर आ सकते हैं। प्रदेश में दिग्गज भाजपा नेताओं की नई पीढ़ी को यह उपचुनाव नई संभावनाएं, क्रैश कोर्स, नेट प्रेक्टिस और मंच पर भाषण शैली को निखारने वाला साबित हुआ।
कार्तिकेय चौहान पिछले चुनाव में बुधनी, कोलारस सहित कुछ अन्य क्षेत्रों में सक्रियता दिखा चुके हैं। महाआर्यमन सिंधिया गुना संसदीय क्षेत्र में ही सक्रिय रहे। सांची क्षेत्र के युवा सम्मेलन में कार्तिकेय के साथ उनके भी शामिल होने का पोस्टर चर्चित हुआ था। अभिषेक भार्गव ने सुरखी और बड़ामलहरा क्षेत्र में जमकर सक्रियता दिखाई।
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केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पुत्र देवेंद्र सिंह (रामू) ग्वालियर-चंबल की कई सीटों पर सक्रिय रहे। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के पुत्र सुकर्ण ग्वालियर ग्रामीण , भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष प्रभात झा के पुत्र तुष्मुल ग्वालियर की दोनों सीटों और पूर्व मंत्री दीपक जोशी के पुत्र जयवर्धन ने हाटपिपल्या में चुनावी मोर्चा संभाला।
राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र विधायक आकाश विजयवर्गीय ने भी इस उपचुनाव में सांवेर सीट पर जमकर सक्रियता दिखाई। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन निमाड़ की नेपानगर और मांधाता सीट पर सक्रिय दिखे। प्रदेश की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के बेटे अक्षय भंसाली भी उपचुनाव में एक-दो सीटों पर जनसंपर्क करते नजर आए। पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ भी अपनी बारी के इंतजार में हैं लेकिन सियासी उलट-फेर से उनकी चताएं बढ़ गई हैं।