कैबिनेट विस्तार से पहले मोदी सरकार का बड़ा फैसला, इस विभाग को किया वित्त मंत्रालय के अधीन

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कैबिनेट विस्तार (Modi cabinet expansion) से पहले मोदी सरकार (Modi government) ने बड़ा फैसला लिया है। जो सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को सुविधाजनक बनाने के लिए सार्वजनिक उद्यम विभाग (Department of Public Enterprises) को वित्त मंत्रालय के तहत कर दिया है। बता दें कि इससे पहले DPE भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय का हिस्सा हुआ करती थी।

6 जुलाई को जारी एक अधिसूचना के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने वित्तीय सेवा विभाग के बाद लोक उद्यम विभाग गजट अधिसूचना में कहा है कि इन नियमों को भारत सरकार का 321वा संशोधन नियम 2021 कहा जा सकेगा। अब ये वित्त मंत्रालय का छठवां विभाग होगा। यह बदलाव 6 जुलाई को संभावित मंत्रिमंडल विस्तार से पहले किया गया है।

मोदी सरकार ने देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए नया सहकारी मंत्रालय भी गठित किया है। Modi Cabinet में आज बड़े फेरबदल की संभावना है। इससे पहले नया मंत्रालय सहकारी से समृद्धि के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सहकारी मंत्रालय का सृजन किया गया है।

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सरकार ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया है इसके साथ ही साथ मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए एक अलग प्रशासनिक कानूनी और नीति ढांचा मुहैया कराए जाने के लिए इस मंत्रालय का सृजन किया गया है। इसके अलावा सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि बीते दिनों बजट घोषणा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कई तरह की अन्य घोषणाएं भी की गई थी जिस को ध्यान में रखते हुए सहकारी मंत्रालय का गठन आवश्यक था।

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (nirmala sitharaman)  ने 2021 में अपने बजट के लिए एक बड़ी निजीकरण एजेंसी की घोषणा की थी। घोषणा के मुताबिक 2 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और एक सामान्य बीमा कंपनी का निजीकरण होना अमल किया गया था। इसके अलावा LIC IPO लाने और IDBI बैंक की शेष हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रस्ताव तैयार किए गए थे।


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