भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा (Motilal Vora) का सोमवार दोपहर 3:00 बजे निधन हो गया। जिसके बाद शिवराज सरकार (shivraj government) ने 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। वही इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग (Department of General Adminstration) ने जिले के सभी कलेक्टरों (collectors)को आदेश जारी कर दिए हैं। जबकि कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन पर शोक की लहर दौड़ पड़ी है। वहीं मंगलवार की सुबह 11:30 बजे कांग्रेस कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी।
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन पर राज्य शासन ने 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इस दौरान शासकीय भवन में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और सरकारी स्तर पर कोई कार्यक्रम भी नहीं होंगे। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं।
बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा का 93 वर्ष की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। रविवार देर रात स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने सोमवार दोपहर अंतिम सांस ली। उनके निधन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh chauhan), कमलनाथ सहित कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से देश के बड़े दिग्गजों ने दुख जताया है।
Read More: निजी भूमि पर लगाए नए वृक्ष को काटने के लिए नहीं लेनी पड़ेगी अनुमति, सीएम शिवराज ने दी जानकारी
गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले मोतीलाल वोरा एक जन नेता थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक जताते हुए कहा मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ नहीं बल्कि देश के वरिष्ठ राजनेता थे। वही शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वह उस पीढ़ी के नेता थे। जहां सेवा ही राजनीति होती थी। ऐसे दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें अजातशत्रु राजनेता की उपाधि दी।
दूसरी तरफ मोतीलाल वोरा के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी शोक जताया है। उन्होंने कहा कि मोतीलाल वोरा ने कांग्रेस पार्टी की मजबूती के लिए काम किया जबकि दिग्विजय सिंह ने कहा कि मोतीलाल वोरा का निधन कांग्रेस के लिए अपूरणीय क्षति है। वहीं दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह निष्ठा और ईमानदारी की जिंदगी जीने वाले इंसान थे। सिद्धांत की राजनीति करना उन्हें आदर्श बनाता था।