भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश में कोरोना महामारी (Corona Epidemic) का असर 21 सितंबर से प्रस्तावित विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र (Assembly Three Day Session) पर भी दिखाई देगा। अब तक विधानसभा में सिटिंग व्यवस्था पर कोई स्थाई निर्णय नहीं हो पाया है। सत्र के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का किस तरह से पालन किया जाए, इसे लेकर अभी भी मंथन किया जा रहा है। हालांकि, कोरोना संक्रमण (Corona Infection) को देखते हुए विधानसभा सत्र की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र इस बार कई मायनों में कुछ अलग ही होगा। सदन में प्रवेश से पहले विधायकों (MLA), अधिकारियों (Officers) व कर्मचारियों (The employee) की जांच भी की जाएगी।
प्रश्न काल से लेकर बजट का स्वरूप इस वर्ष किस तरह का होगा, इसका निर्णय भी सर्वदलीय समिति द्वारा तय किया जाएगा। माना जा रहा है कि विभागीय अनुदान मांगों पर इस वर्ष कटौती प्रस्ताव नहीं लिया जाएगा। प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण का दायरा भी सीमित किया जाएगा। इसके अलावा विधानसभा सत्र के दौरान बैठक व्यवस्था को अंतिम रूप देने का दायित्व फिलहाल राजधानी परियोजना प्रशासन को सौंपा गया है।
विधानसभा सत्र में विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव के अलावा बजट के लिए विनियोग विधेयक सहित छह से ज्यादा संशोधन विधेयक लाए जाएंगे। प्रश्नकाल का संचालन किस तरह से किया जाए, बजट के लिए कटौती प्रस्ताव लाया जाए या नहीं, इसके अलावा ध्यानाकर्षण पर चर्चा जैसे विषयों पर निर्णय सर्वदलीय बैठक में ही होगा।
विधानसभा सत्र के लिए अतिरिक्त कुर्सी लगाने के प्रस्ताव पर राजधानी परियोजना प्रशासन फिलहाल सहमत नहीं है, इसलिए संभावना है कि अध्यक्षीय व अधिकारी दीर्घा का उपयोग सदस्यों के बैठने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए विधानसभा सत्र के दौरान तापमान लेने से लेकर मास्क शील्ड, मास्क, सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था भी प्रमुख रूप से रहेगी। 15 सितंबर से विधानसभा के अधिकारियों और कर्मचारियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाएगा। इसके अलावा समस्त कलेक्टरों से भी कहा गया है कि वे भी विधायकों से संपर्क कर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराएं। विधानसभा सचिवालय में भी अलग से स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
इससे पहले विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया था कि मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होकर 24 जुलाई तक चलेगा। पांच दिवसीय इस सत्र में कुल पांच बैठकें होनी थी। इसी के साथ विधि विषयक और वित्तीय कार्य संपादित होने थे। पांच दिन के सत्र में प्रदेश का बजट भी पारित होना था, लेकिन बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सत्र को स्थगित कर दिया गया था।
विधानसभा का आखिरी सत्र 24 मार्च को था और नियम के अनुसार 6 महीने में सत्र बुलाना अनिवार्य है। जिसे देखते हुए अब 21 से 23 सितंबर तक विधानसभा का सत्र आयोजित किया जाएगा।