मप्र उपचुनाव : सतीश सिकरवार के कांग्रेस में शामिल होने पर क्या बोले कमलनाथ, देखें वीडियो

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश  (Madhyapradesh) में 27 सीटों पर उपचुनाव (By-election) होना है, लेकिन इसके पहले राजनैतिक पार्टियों के बीच तोड़-फोड़ का सिलसिला तेजी से चल रहा है। आज मंगलवार को कांग्रेस ने भाजपा (BJP) और  ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के गढ़ ग्वालियर चंबल में बड़ा झटका देते हुए दिग्गज भाजपा नेता सतीश सिकरवार (Satish sikarwar) को पार्टी में शामिल कर लिया। आज भोपाल स्थित कांग्रेस कार्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ (Former Chief Minister and PCC Chief Kamal Nath) के नेतृत्व में सिकरवार ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली है।इस मौके पर कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि हमारी सर्वे रिपोर्ट बहुत अच्छी है, हमें कोई चिंता नहीं है। कांग्रेस सभी 27 सीटें जीतेंगे।

नाथ ने कहा कि भाजपा के नेता गण, कार्यकर्ता बड़ी संख्या में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में रोज प्रवेश ले रहे हैं , कल भी कुछ लोगों ने प्रवेश लिया था। हम इसे पब्लिसिटी या इवेंट का रूप नहीं देते हैं , यह तो भाजपा की राजनीति है। आज तो जनता तो छोड़िए बीजेपी के कार्यकर्ता ही उनसे दुखी हैं , यह मध्य प्रदेश की स्थिति है। हमारी सर्वे रिपोर्ट बहुत अच्छी है , हमें कोई चिंता नहीं है , सभी सभी सीटें जीतेंगे। नाथ यही नही रुके और आगे कहा कि आज का मध्य प्रदेश का मतदाता बहुत समझदार है। मुझे प्रदेश के मतदाताओं , यहाँ की जनता और जिन 27 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है । वहां की जनता पर भी पूरा विश्वास है कि वो भले कमलनाथ का साथ ना दे , कांग्रेस का साथ ना दे लेकिन सच्चाई का साथ ज़रूर देगी।

वही सतीश सिकरवार ने कहा कि उनके परिवार के लोग कहां किस पार्टी में रहेंगे उनका या व्यक्तिगत निर्णय होगा लेकिन वे अब कांग्रेस के सदस्य हैं और पार्टी जो आदेश करेंगी वह उनके लिए शिरोधार्य होगा । सतीश सिकरवार चंबल के बडे़ राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखते हैं। सतीश सिकरवार के पिता गजराज सिंह भी जनता दल और भाजपा से विधायक रह चुके हैं। वहीं उनके चाचा वृंदावन सिकरवार चंबल के बडे़ नेता माने जाते है। सतीश सिकरवार के भाई सत्यपाल सिकरवार भी सुमावली से विधायक रह चुके हैं।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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