शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। सांसद डॉक्टर के पी यादव (MP KP Yadav) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन (Union Health Minister Dr. Harsh Vardhan) व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) को एक पत्र लिखा है। जिसमें सांसद ने मध्यप्रदेश में आयुष चिकित्सकों (Ayush Doctors) को एलोपैथिक चिकित्सा करने के अधिकार प्रदान करने की मांग की है। सांसद डॉक्टर के पी यादव ने मांग करते हुए कहा कि डॉक्टरों को एलोपैथिक चिकित्सा करने के लिए प्रशिक्षण के लिए एलोपैथिक चिकित्सा के अधिकार दिलाएं जाएं, जिससे कि कोविड-19 महामारी (Covid-19) के दौर में संक्रमितों के सहयोग करने में आयुष चिकित्सकों की महती भूमिका हो सके।
सांसद डॉक्टर के पी यादव स्वयं एक आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं। इस कोरोना काल में एलोपैथिक चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा कंधा मिलाकर आयुर्वेदिक चिकित्सकों के मनोभावों को पत्र के माध्यम से मांग करते हुए कहा कि पिछले वर्ष जब कोविड-19 कोरोना महामारी की शुरुआत हुई थी तब से ही संपूर्ण भारत में आयुष चिकित्सकों ने महामारी की पहली लहर से निपटने के लिए भरपूर सहयोग किया और भारत के नागरिक सुरक्षित रहे। सांसद डॉक्टर के पी यादव ने कहा कि हमारे देश में एमबीबीएस डॉक्टरों की संख्या साढ़े 12 लाख और आयुष डॉक्टरों की संख्या 8 लाख के लगभग है। पिछले वर्ष कोरोना काल में दृष्टिगत रखते हुए संविदा पर आयुष चिकित्सकों को रखा गया एवं इनकी सैंपलिंग, आइसोलेशन, मेडिकल, कॉल सेंटर आदि विभागों में ड्यूटी लगा गई गई थी, लेकिम जैसे ही इस महामारी का प्रकोप कम हुआ आयुष चिकित्सकों को नौकरी से बाहर कर दिया गया, वहीं देश के कुछ प्रदेशों में केंद्र सरकार की मंशा अनुसार आयुष डॉक्टरों को एलोपैथिक चिकित्सा करने के अधिकार प्राप्त हैं। शासन को आवश्यकता पड़ने पर इन डॉक्टरों का आवश्यक सेवाओं का उपयोग किया जाता रहा है परंतु इन्हें अपनी योग्यता अनुसार अब तक एलोपैथी चिकित्सा का अधिकार प्रदान नहीं किया गया।