Selected Patwari will on indefinite dharna from September 3 : मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी 3 सितंबर से अनिश्चितकालीन धरने पर जाएंगे। इनकी मुख्य मांग है कि इनकी नियुक्ति शुरु की जाए। बता दें कि मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा 2023 के नतीजे आने के बाद इसमें घोटाले की आशंका जताई गई और प्रदेशभर में विरोध के कारण सरकार ने नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। इस मामले में 31 अगस्त तक रिपोर्ट देने की बात कही गई थी और अब चयनित अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि यदि 3 सितंबर तक ये प्रक्रिया प्रारंभ नहींं की गई तो ये आंदोलन करेंगे।
चयनित अभ्यर्थियों ने नियुक्ति के साथ तीन प्रमुख मांगें रखी है। इन्होने कहा कि 3 सितंबर को ये भोपाल के शांहजहानी पार्क में धरना प्रदर्शन करेंगे। वहीं अगर इनकी मांगें नहीं मानी गई तो ये बेमियादी धरने पर बैठ जाएंगे। उस दिन राजधानी में प्रदेशभर से पटवारी भर्ती परीक्ष में चयनित अभ्यर्थी पहुंच रहे हैं और सरकार से अपनी मांगें पूरी करने को लेकर आंदोलन करेंगे।
क्या हैं प्रमुख मांगें
- इनकी पहली मांग है कि उत्तर प्रदेश उपनिरीक्षक मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 में जांच के साथ समानांतर रूप से नियुक्ति दी गई, वैसे ही इनकी नियुक्ति प्रक्रिया भी चलाई जाए। यदि जांच में कोई दोषी पाया जाए तो उन्हें चिन्हित कर कार्रवाई की जाए एवं उसके स्थान पर प्रतीक्षा सूची में स्थान प्राप्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाए। सभी नवनियुक्त अभ्यर्थियों से शपथ पत्र लिया जाए जिसमें दोषी पाए जाने पर दंडात्मक कार्रवाई भुगतने की सहमति का प्रावधान हो।
- ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा की नियम पुस्तिका के बिंदु 13(3) के अनुसार परिणाम के प्रकाशन से लेकर 90 दिनों की अवधि में नियुक्ति देने के प्रावधान पर विचार करते हुए सितंबर माह में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाए।
- चयनित अभ्यर्थियों के कष्ट को समझते हुए 15 सितंबर तक सभी अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन करवा लिया जाए।
नेता प्रतिपक्ष ने सीएम को लिखा पत्र
इस मामले में नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह ने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है जिसमें कहा है कि पटवारी भर्ती परीक्षा ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 के 8600 चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस चयन परीक्षा में सीएम द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाई गई है और 31 अगस्त 2023 तक रिपोर्ट देने की बात कही गई थी। लेकिन अब तक मामले में कोई भी रिपोर्ट नहीं आई है और इससे हजारों युवाओं का भविष्य अधर में अटक गया है। उन्होने कहा कि नियुक्ति न होने ये चयनित अभ्यर्थी और उनके परिवार भारी तनाव में है।
इसी के साथ डॉ. गोविंद सिंह ने भर्ती प्रक्रिया पर लगाई गई रोक को हटाने क मांग करते हुए कहा है कि चयनित अभ्यर्थियों से शपथ पत्र लेकर उनकी नियुक्ति प्रक्रिया शुरु की जाए और इस मामले की जांच भी समानांतर रुप से जारी रखें। ऐसा होने पर सितंबर माह में अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो सकेगी और हजारों युवाओं को अनिश्चितता से मुक्ति मिलेगी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जांच में यदि कोई अभ्यर्थी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाप वैधानिक कार्रवाई की जाए, लेकिन इनकी नियुक्ति पर रोक के कारण हजारों युवा परेशान हैं और इस रोक को तत्काल हटाया जाए।