भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पिछले साल मध्य प्रदेश (madya pradesh) में हुए मौसम के बदलाव (weather change) का सीधा सीधा असर किसानों (farmers) की खरीफ फसलों पर पड़ा था। उनकी फसलें बर्बाद हो गई थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan)के निर्देश पर किसानों के बर्बाद हुई फसलों का आकलन बीमा कंपनी (insurance company) द्वारा किया जा रहा है। ऐसा में बीमा कंपनी दावों को तैयार कर रही है। माना जा रहा है कि खरीफ फसलों के लिए किसानों को 5 करोड़ रूपए तक का दावा दिया जा सकता है।
इसके लिए दावों तैयार कर बीमा कंपनियों को भेजे जाएंगे। वही बीमा कंपनी द्वारा बीमा की राशि सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी। बता दें कि प्रदेश के 44 लाख किसानों ने खरीफ फसलों का बीमा कराया था। ज्ञात हो कि पिछले साल सोयाबीन (soyabean) की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा मूंग सहित अन्य फसलें अतिवृष्टि के कारण बेकार हो गई थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किसानों के नुकसान भरपाई के लिए सर्वे (servey) करवाकर फसल बीमा और राहत उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे।
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वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रदेश के 44 लाख किसानों ने फसलों का बीमा कराया था। इस बार भी किसानों के फसल के बीमा कराने की अवधि को केंद्र सरकार द्वारा बढ़ा दिया गया है। बता दें कि पिछले साल हुए अतिवृष्टि के नुकसान का सर्वे अपने आखिरी चरण में पहुंच चुका है
वहीं फसलों को हुए नुकसान का आकलन तैयार किए जा रहे हैं। इन दावों को जल्दी बीमा कंपनियों को भेजा जाएगा। जहां 2 या 3 सप्ताह की प्रक्रिया के बाद किसानों के खाते में पैसे डाले जाएंगे। जानकारी की माने तो इस बार किसानों को बीमा राशि 5000 करोड़ रूपए से अधिक हो सकती है।