MP School: नौवीं से 12वीं तक के छात्रों को नहीं मिलेगा स्कूल में प्रवेश, यह है बड़ा कारण

Kashish Trivedi
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लोक शिक्षण संचालनालय

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। लोक शिक्षण संचालनालय, मध्यप्रदेश (Directorate of public education, Madhya pradesh) ने नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक बिना स्थानांतरण प्रमाण पत्र (Transfer certificate) के किसी भी विद्यार्थी को कक्षा में प्रवेश नहीं देने दिया जाएगा। इस मामले में डीपीआई आयुक्त जयश्री कियावत ने सोमवार को सभी जिले के संभागीय संयुक्त संचालकों को आदेश जारी किए हैं।

दरअसल प्रदेश में कई ऐसे विद्यार्थी हैं। जिन्होंने बिना स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी के सरकारी स्कूलों में नामांकन करा लिया है। ऐसे विद्यार्थियों पर डीपीआई सख्ती के मूड में नजर आ रहा है। इस संबंध में आदेश जारी करते हुए लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त ने कहा कि बिना टीसी के किसी विद्यार्थी को एडमिशन नहीं दिया जाएगा। वही लोक शिक्षण संचालनालय ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि विद्यार्थी ने अंतिम बार जिस संस्थान में अध्ययन किया हो। उस संस्थान से प्राप्त स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के बाद ही प्रवेश संबंधी आवेदन भरे जा सकेंगे। वहीं आदेश में स्पष्ट निर्देश है कि नौवीं से 12वीं कक्षा के लिए बिना टीसी (TC) के किसी विद्यार्थी को कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही डीपीआई आयुक्त ने अपने आदेश में साफ लिखा है कि इस संबंध में कोई शिकायत मिलती है तो संबंधित स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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हालांकि पहली से आठवीं तक की कक्षा में बिना किसी के प्रवेश किए जा सकते हैं। वही माना जा रहा है कि डीपीआई आयुक्त के इस आदेश के पीछे का बड़ा कारण है अभिभावकों द्वारा स्कूलों की फीस न जमा कर पाना। दरअसल कई निजी स्कूल अभिभावकों पर फीस बढ़ने का दबाव बना रहे हैं। ऐसे में विद्यार्थी निजी संस्थान से पढ़कर और संस्थान को छोड़कर सरकारी स्कूलों में प्रवेश ले रहे हैं। वहीं पिछले संस्थान को छोड़ने के बाद फीस न जमा कर पाने की स्थिति में उन्होंने टीसी भी नहीं लिया है। अब ऐसे में डीपीआई आयुक्त के इस आदेश से कहीं ना कहीं निजी स्कूलों को फायदा जरूर मिलेगा।

बता दें कि इस संबंध में पिछले दिनों आदेश जारी कर स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा था की निजी स्कूलों को ट्यूशन फी लेने का अधिकार होगा। वह अभिभावकों से एकमुश्त या किस्तों में फीस वसूल सकते हैं। इसके लिए हाईकोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया गया था। इसके साथ ही आदेश में कहा गया था यह ट्यूशन फीस न भर पाने की स्थिति में विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। जिसके बाद निजी स्कूलों ने अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव बनाना शुरू किया था। अबे ऐसी स्थिति में निजी स्कूलों ने डीपीआई आयुक्त के समक्ष गुहार लगाई थी। जिसको देखते हुए लोक शिक्षण संचनालय की आयुक्त ने सोमवार को आदेश जारी किया है।


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