Bhopal Desk- मध्यप्रदेश में जो भी हो जाए वह कम है। ताजा कारनामा मध्य प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग MPPSC (madhya pradesh public service commission) का है। आयोग की मुख्य परीक्षा 21 मार्च से शुरू हो रही है और इस परीक्षा में भाग लेने के लिए कोरोना (corona) संक्रमित परीक्षार्थियों के लिए अलग से एक परीक्षा केंद्र (exam center) बनाया गया है।
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MPPSC मुख्य परीक्षा 2021 21 मार्च 2021 से 26 मार्च 2021 तक होगी। दरअसल शुरू होने से पहले ही यह परीक्षा विवादों के घेरे में है। मध्यप्रदेश में पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार (kamalnath government) द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (other backward classes) के लिए आरक्षण (reservation) की सीमा 14% से बढ़ाकर 27% किए जाने का मामला अभी उच्च न्यायालय (high court) में लंबित है जिसके चलते MPPSC में सफल हुए परीक्षार्थियों के भविष्य को लेकर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है क्योंकि यह स्पष्ट कर दिया गया है कि समस्त रिजल्ट हाई कोर्ट के निर्णय पर ही निर्भर करेगा। ऐसे में परीक्षार्थी पहले ही यह मांग कर चुके हैं कि इस परीक्षा को कोर्ट का निर्णय आने के बाद कराया जाए। लेकिन MPPSC अपनी जिद पर अड़ी है कि मुख्य परीक्षा 21 मार्च से ही होगी।
यहां तक तो ठीक था लेकिन शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (chief minister shivraj singh chauhan) ने अचानक तीन बड़े शहरों में लॉकडाउन (lockdown) लगाने की घोषणा कर दी। भोपाल, इंदौर और जबलपुर में लॉकडाउन के चलते रविवार 21 मार्च जिस दिन MPPSC मुख्य परीक्षा शुरू होनी है, लॉकडाउन रहेगा। इसे लेकर भी परीक्षार्थियों में रोष है कि आखिरकार उनके आने जाने की व्यवस्था कैसे होगी और कैसे वे सुचारू रूप से परीक्षा दे पाएंगे। हालांकि प्रशासन ने इस बारे में भी स्पष्टीकरण दे दिया कि कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।
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अब एक और कमाल की बात देखिए इंदौर में MPPSC ने इस परीक्षा के लिए ऐसे परीक्षार्थियों को, जो कोरोना संक्रमित है, एक अलग केंद्र माता जीजाबाई शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, मोती तबेला बनाया है। इंदौर संभाग की संयुक्त आयुक्त सपना सोलंकी का कहना है कि इस केंद्र में परीक्षार्थियों को कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत चिकित्सा संसाधनों से सुसज्जित एंबुलेंस वैन से परीक्षा केंद्र लाने ले जाने की व्यवस्था की जाएगी। परीक्षार्थी पीपीई किट सहित परीक्षा दे सकेंगे। एक नियंत्रण कक्ष भी होगा जिसमें पर्याप्त चिकित्सक नर्स और एंबुलेंस भी होंगे। लेकिन साहब कोरोना वह महामारी है जिसके कारण लाखों लोग पूरे विश्व में दम तोड़ चुके हैं और इस बीमारी से संक्रमित होने वाला क्या परीक्षा देने आएगा, यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है और सवाल यह भी है कि जब संक्रमण की दर लगातार बढ़ रही है तो क्यों इस परीक्षा की तिथि आगे नहीं बढ़ाई जा सकती जबकि MPPSC के पास आरक्षण जैसा महत्वपूर्ण कारण भी मौजूद है।