भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमणकाल के बीच नगरीय निकाय (Urban bodies) और पंचायतों के चुनाव (Panchayat Election) की तैयारी शुरू कर दी गई है। जिलों में वार्ड आरक्षण(Ward reservation) का काम तेजी से चल रहा है। अंतिम तारीख तक कार्य पुरे ना होने के बाद आखिरी तारीख में बदलाव किया है। जिसकी आखिरी तारीख 15 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। बताया जा रहा है कि दिसंबर या जनवरी में या चुनाव करवाए जा सकते हैं।
वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया अंतिम दौर में चल रही है। वहीँ नगरीय निकायों को वार्ड आरक्षण के लिए अधिक समय दिया गया है जिसकी आखिरी तारीख 15 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। इसका कारण ये है कि अब तक भोपाल समेत प्रदेश के कई निकायों में प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। आरक्षण होने के बाद ही राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव कराने की दिशा में आगे की कार्यवाही करेगा। इससे पहले समयसीमा 30 जनवरी तक बढ़ाई गई। जिसके बाद पिछले दिनों सभी निकायों को 31 जुलाई तक आरक्षण की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए थे। अब तिथि फिर से बढ़ाई गई है। इसके बाद आयोग तय करेगा कि उसे कब चुनाव कराने हैं। हालांकि चर्चा ये भी तेज है कि सितंबर के बाद कभी भी विधानसभा की 27 सीटों के उपचुनाव कराए जा सकते हैं। इस चुनावों के बाद पहले नगरीय निकाय और फिर त्रिस्तरीय पंचायत राज (जिला, जनपद और ग्राम पंचायत) संस्थानों के चुनाव कराए जाएंगे।
बता दें कि अपने पिछले कार्यकाल में शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने के पंचायतों को मिलाकर 22 नगरी परिषद बनाई थी। प्रदेश में कांग्रेस सरकार आते ही शिवराज सरकार का फैसला पलट कर कांग्रेस ने राजनीतिक दृष्टिकोण से इस फैसले को निरस्त कर दिया था। जिसके बाद अब वापस शिवराज सरकार ने वापस से 22 ग्राम पंचायतों को नगर परिषद बना दिया है। अब अध्यादेश के जरिए महापौर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली द्वारा कराए जाने का संशोधित प्रावधान किया जाएगा।