भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की सरकार (MP Government) ने पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) में ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट (supreme court) का दरवाजा खटखटाया है। बुधवार को सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर पुनर्विचार के लिए एप्लीकेशन फॉर रिकॉल का आवेदन किया गया है।
मंगलवार को पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने साफ कहा था कि पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के नहीं होंगे और इसके लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट भी जाएगी। बुधवार को सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इस मामले के लिए एप्लीकेशन फॉर रीकाल का आवेदन किया गया है।
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सुप्रीम कोर्ट के 17 दिसंबर के आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए यह आवेदन दिया गया है। सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार को पत्र लिखा था और ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित की गई सभी सीटों को डिनोटिफाइड कर सामान्य वर्ग में तब्दील करने के लिए कहा था।
राज्य सरकार ने निर्वाचन आयोग से ओबीसी आरक्षण के मामले में सुनवाई होने तक प्रतीक्षा करने का आग्रह किया है। अब लगभग साफ हो गया है कि सरकार हर हाल में वर्ष 202021 के पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के साथ ही चुनाव कराना चाहती है। राज्य निर्वाचन आयोग ने भी चुनाव प्रक्रिया को तो नहीं रोका है लेकिन परिणाम पर रोक लगा दी है। यह भी स्पष्ट है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ही अब राज्य सरकार ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित की गई सीटों को यथावत रखने या डिनोटिफाइड करने पर निर्णय लेगी और उसके बाद ही राज्य निर्वाचन आयोग उन बची हुई सीटों पर चुनावी प्रक्रिया पूरी करायेगा।