महिला दिवस: एक दिन की कलेक्टर बनी बहादुर बेटी अर्चना ने दिया ये संदेश

Atul Saxena
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कटनी, अभिषेक दुबे। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Womens Day) पर आज विश्व में बहुत से कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं भारत में भी अलग अलग जगह कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। लेकिन खास बात य है कि भारत में जब इस तरह के कार्यक्रम होते हैं तो उसमें एक अलग भाव जुड़ जाता है। क्योंकि हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि जहां नारी का सम्मान होता है, उसकी पूजा होती है वहां देवताओं का वास होता है, वहां सभी कार्य सफल होते है। इस बार इन भावों के साथ शासन स्तर पर कई तरह के नवाचार किये जा रहे हैं। कटनी जिला प्रशासन (Katni District Administration) ने भी ऐसा ही एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया है।

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8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Womens Day) के मौके को कटनी जिला प्रशासन (Katni District Administration)  द्वारा अलग ही अंदाज में सेलिब्रेट किया जा रहा है। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा एवं प्रशासनिक अधिकारियों की पहल पर जिले की बहादुर बेटी अर्चना केवट (Archana Kewat) को एक दिन का कलेक्टर बनाकर इस दिवस के आयोजन में चार चांद लगा दिए हैं। कैमोर थाना क्षेत्र में दो युवकों को सबक सिखाते हुए छेड़छाड़ से एक बेटी को बचाने वाली बहादुर बेटी अर्चना केवट को नायक फिल्म की तर्ज पर 1 दिन का सांकेतिक कलेक्टर बनाया गया है।

महिला दिवस: एक दिन की कलेक्टर बनी बहादुर बेटी अर्चना ने दिया ये संदेश

महिला दिवस: एक दिन की कलेक्टर बनी बहादुर बेटी अर्चना ने दिया ये संदेश

कलेक्टर प्रियंक मिश्रा  (Collector Priyank Mishra) की पहल पर एक दिन की कलेक्टर बनी अर्चना केवट के लिए कलेक्टर की तरह ही प्रोटोकॉल फॉलो किये गए।  अर्चना केवट को कलेक्टर का वाहन घर लेने गया, वहां से अर्चना केवट कलेक्ट्रेट पहुंची। कलेक्ट्रेट गेट पर पहुंचते ही महिला बाल विकास अधिकारी नयन सिंह ने पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। इसके बाद अर्चना कलेक्टर की कुर्सी पर बैठ गई । यहां पर उन्होंने आज के दिन भर के कार्यक्रमों का शेड्यूल जाना।

महिला दिवस: एक दिन की कलेक्टर बनी बहादुर बेटी अर्चना ने दिया ये संदेश

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जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग में होने वाली समीक्षा बैठक एवं आयोजनों की जानकारी दी। इसके बाद 1 दिन की कलेक्टर अर्चना केवट जिला पंचायत सभागार में पहुंची वहां पर उन्होंने विभाग की समीक्षा बैठक की। आंगनबाड़ियों में खाली पड़े पदों की भर्ती करने सहित कुपोषण को दूर करने के लिए और विशेष पहल करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। मीडिया से बात करते हुए अर्चना ने कहा कि मुझे आज जो महसूस हो रहा है वो मैं बयां नहीं कर सकती।  मैं बस इतना कहना चाहूंगी कि किसी के साथ भी कोई घटना हो उसके साथ डटकर मुकाबला करो डरो नहीं।  सरकार और प्रशासन हमेशा मदद के लिए खड़ा है।

कलेक्टर प्रियंक मिश्रा (Collector Priyank Mishra) ने मीडिया से कहा कि प्रशासनिक अधिकारीयों ने मिलकर तय किया कि  महिला दिवस पर कुछ ऐसा करना चाहिए जो सकारात्मक हो और प्रेरणादाई भी हो। हमने सोचा कि  जिसे युवा पीढ़ी अपना आइकॉन मानती है उसे एक दिन का कलेक्टर बनाना चाहिए और हमें लगता है हमारी ये पहल सकारात्मक परिणाम लाएगी। उन्होंने कहा कि  ये पहल समाज में एक नया संदेश देने के लिए महिला सशक्तिकरण को लेकर की गई है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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