मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। आम इंसान से होता हुआ अब यह बीमारी हाईप्रोफाइल लोगों तक भी पहुंच चुका है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो कोरोना की चपेट में आ गए हैं। उनके साथ ही कई बड़े नेता भी संक्रमण की चपेट में है। वही अब प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता जीतू पटवारी के पिए और उसके बेटे सहित 199 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
दरअसल शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अब प्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के पीए की रिपोर्ट में पॉजिटिव आई हैं। विधायक पटवारी के पीए शिवेंद्र और उनके 2 साल के बेटे के इस संक्रमण की चपेट में आने की पुष्टि की गई है। उन्हें करीब 5 दिन से हल्का बुखार आ रहा था। जिसके बाद उन्होंने जेपी हॉस्पिटल में इलाज करवाया लेकिन बुखार ठीक नहीं होने पर निजी डॉक्टर से सलाह ली। लेकिन संक्रमण की शंका होने के बाद उन्होंने अपने सैंपल जांच के लिए भेजे जहाँ रविवार को उनकी रिपोर्ट पॉजिटव आ गई। शिवेंद्र के ढाई साल के बेटे की भी संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। जिसके बाद दोनों को पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भर्ती किया गया है। वहीँ शिवेंद्र का कहना है कि करीब 10 दिन पहले वो पटवारी से मिले थे।
इधर राजधानी में लगातार संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। रविवार को आए संक्रमण के मामले में कटारा हिल्स के एक घर से 6 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके साथ ही निशांत पूरा इब्राहिमगंज, अरेरा कॉलोनी, शाहपुरा से 3-3, 25 वीं बटालियन, ईएमई सेंटर बैरागढ़ से 1 मरीज की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही जिले के बैरसिया तहसील के आधा दर्जन कर्मचारी पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं राजधानी के जहांगीराबाद में एक बार फिर संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। जहां आज एक साथ 9 मरीज मिलने के बाद हड़कंप का माहौल है। इसी बीच प्रशासन द्वारा जिले में कड़ाई से लॉकडाउन का पालन करवाया जा रहा है। प्रशासन ड्रोन के जरिए शहर की निगरानी में लगा है। वहीं रहवासियों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करवाई जा रही है।
बता दें कि प्रतिदिन 100 से अधिक संख्या में संक्रमित मरीजों के मिलने के बाद जिले में 10 दिन का लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। आज 199 नए मरीजों के संक्रमित होने की पुष्टि के बाद जिले में संक्रमित की संख्या 5500 से अधिक हो गई है। वहीं अब तक 3000 से ज्यादा लोग स्वस्थ हो अपने घर वापस लौट चुके हैं। जबकि 1800 के करीब लोगों का इलाज अब भी जिले के विभिन्न अस्पताल में जारी है।