भोपाल।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बड़ा खुलासा किया है ।यूट्यूब पर प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से कमलनाथ ने बताया है कि बीजेपी के कई विधायक पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं जो अभी सामने नहीं आया है और जल्द इसका खुलासा होगा।
कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य समर्थकों सहित 22 विधायकों के बीजेपी में जाने की बात पर कहा कि जब चुनाव में यह लोग मैदान में जाएंगे तब जनता इनसे पूछेगी कि आखिरकार वह इन्हें अब क्यों चुने जब उन्होंने खुद को बेच दिया है। कमलनाथ ने यह भी कहा कि इन उपचुनावों में बड़ी विचित्र स्थिति यह बनेगी कि वह लोग जो जिंदगी भर बीजेपी का झंडा उठाए रहे आखिरकार कैसे अब पार्टी में आए नए लोगों को जिताने के लिए काम करेंगे।
ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी से न जाने देने के प्रयासों पर कमलनाथ बोले कि 29 फरवरी को दिल्ली में मेरी सिंधिया से मुलाकात हुई थी ।तब तक जौरा उपचुनाव को लेकर की बात हुई थी और कहीं भी सिंधिया के रूख से ऐसा नहीं लग रहा था कि वह ऐसा कदम उठाएंगे। कमलनाथ ने मध्य प्रदेश की वर्तमान स्थिति को लेकर भी तंज कसा कि आखिर जब प्रदेश में मंत्रिमंडल नहीं है, नगर पालिका ,नगर निगम भंग है, जिला पंचायत ,जनपद पंचायत और पंचायत भंग पड़ी है तो फिर सरकार चल कैसे रही है।
कमलनाथ ने यह भी कहा कि जब बागी विधायक बंगलुरु में रिजार्ट में थे तो वह कभी हाउस कीपिंग तो कभी वेटर का फोन लेकर मुझसे बात किया करते थे और मुझे बताया करते थे कि हमें यह प्रलोभन देकर भाजपा ने आमंत्रित किया है उन विधायकों ने भी सोचा कि भले ही विधायक जी रहे या ना रहे लेकिन जिंदगी भर का इंतजाम तो हो ही जाएगा
कमलनाथ ने कहा कि भाजपा के कई नेता इस्तीफा दे चुके हैं जिनकी सच्चाई अभी सामने नहीं आई है। इस बीच शिवराज कैसे सरकार चलाएंगे यह बड़ी बात है। नाथ ने कहा कि कि मध्य प्रदेश में अभी तक मंत्रिमंडल नहीं है किंतु इस गंभीर हालत में कोई मंत्रिमंडल का ना होना यह तो जनता के मजाक बनाने की बात है। बीजेपी ने जिस तरह सरकार बनाई है उनको यह नहीं बोलना चाहिए कि 24 उपचुनाव में से 22 उपचुनाव को जीत कर आए लोगों को प्रलोभन देकर अपनी तरफ खींचा गया। अब स्थानीय लेवल पर बीजेपी के कार्यकर्ता इन्हीं नेताओं को अतिक्रमण बताएंगे और उनका भविष्य चौपट है। जनता की भावना को ठेस पहुंचाया इन लोगों ने जनता मूर्ख नहीं है। जनता प्रश्न पूछना जान रही है।इसलिए इन 22 में से कितने विधायक वापस जीत पाएंगे यह सबसे बड़ी बात है।