स्कूल जाने के लिए अभिभावकों की परमिशन लेना अनिवार्य; नहीं होगी मॉर्निंग असेंबली, गाइडलाइन जारी

Gaurav Sharma
Published on -
MP board
      • कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर स्कूल को फिर से संचालित करने का आदेश दे दिया गया है। जिसमें कक्षा 10वीं और 12वीं की क्लासेस नियमित रूप से संचालित की जाएंगी।
      • किसी भी विद्यार्थी के स्कूल आने पर अभिभावकों की अनुमति अनिवार्य रहेगी।
      • छात्रों को स्कूल में अधिक संख्या में नहीं बुलाना है, क्योंकि इस दौरान SOP का पालन करना अनिवार्य रहेगा।
      • स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं रहेगी।

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh) ने 10वीं और 12वीं तक के स्कूल खोले (School-Reopen) जाने को लेकर नई दिशा निर्देश जारी की है। जिसके अनुसार 18 दिसंबर से कक्षा 10वीं और 12वीं की क्लासेस (Classes) शुरू होंगी। जिसमें छात्र-छात्राएं अपने अभिभावकों (Parents) से परमिशन लेने के बाद ही स्कूल आएंगे। बच्चों को किसी भी तरह से स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। इसके लिए परेंट्स से अनुमति (Permission) लेना अनिवार्य रहेगा और ये अनुमति एक बार लिया जाएगा, जो पूरे शैक्षिणक सत्र (Academic session) के लिए लागू रहेगा।

पहली से 8वीं तक स्कूल रहेंगे बंद

साथ ही सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार, छात्रों के स्कूल आने पर प्रेयर नहीं कराया जाएगा। स्कूल खोले जाने के संबंध में मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग (MP School Education Department) के सचिव प्रमोद सिंह ने आज यानी मंगलवार को गाइडलाइन जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि फिलहाल अभी कक्षा 8वीं तक के छात्रों के लिए कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसका फैसला कोरोना वायरस की समीक्षा करने के बाद लिया जाएगा।

ये भी पढ़े – Bhopal: स्कूल खुलते ही 10 छात्र हुए कोरोना पॉजिटिव, मचा हड़कंप

बता दें कि गृह मंत्रायल भारत सरकार ने 30 सितंबर को गाइडलाइन (Guidelines) जारी किया था। जिसके बाद मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने भी इस संबंध में 28 नवंबर को दिशा निर्देश जारी किया था। अब लंबे समय के बाद मध्यप्रदेश में 18 दिसंबर से कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए स्कूल खोले जाएंगे।

स्कूलों के लिए जारी गाइडलाइन-

  • कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर स्कूल को फिर से संचालित करने का आदेश दे दिया गया है। जिसमें कक्षा 10वीं और 12वीं की क्लासेस नियमित रूप से संचालित की जाएंगी।
  • किसी भी विद्यार्थी के स्कूल आने पर अभिभावकों की अनुमति अनिवार्य रहेगी।
  • छात्रों को स्कूल में अधिक संख्या में नहीं बुलाना है, क्योंकि इस दौरान SOP का पालन करना अनिवार्य रहेगा।
  • स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं रहेगी।
  • पेरेंट्स द्वारा अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए एक बार अनुमति देना होगा, जो पूरे शैक्षणिक सत्र में लागू रहेगा।
  • कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों की नियमित कक्षा को लेकर छात्रों दर्ज की संख्या और कक्षा की उपलब्धता के अनुसार स्कूल प्रबंधन निर्णय लेगा।
  • जो विद्यार्थी ऑनलाइन कक्षा से पढ़ाई करना चाहते है, उन्हें इसके लिए स्कूल प्रबंधन से अनुमति लेनी होगी।
  • छात्रावास और आवासीय स्कूलों के छात्रावासों को खोले जाने की अनुमति नहीं दी गई है। वहीं आवासीय स्कूलों को डे-स्कूल रूप में खोला जाएगा।
  • इस दौरान समय-समय पर विभागीय आदेश के अनुसार ऑनलाइन पढ़ाई भी कराई जाएगी।
  • विद्यालयों में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक स्टाफ की संख्या पूरी रहेंगी।
  • प्रदेश के स्कूलों में प्रेयर, सामूहिक गतिविधियां, स्वीमिंग और खेल-कूद आदि पर रोक रहेंगी।
  • स्कूल वाहनों से छात्रों को लाने ले जाने पर वाहनों को सैनिटाइज करना और बच्चों के बीच आवश्यक दूरी बनाए रखना भी अनिवार्य रहेगा।
  • स्कूलों में उपस्थित छात्र किसी भी परिस्थिति में एक स्थान पर एकत्रित न हो सकें, इसके लिए विशेष तौर पर ध्यान रखना अनिवार्य है।

About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News