महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध के बीच एमपी पुलिस ने लांच किया सुरक्षा ऐप, ऐसे करेगा काम

Kashish Trivedi
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जबलपुर, संदीप कुमार। निर्भया कांड के बाद शहर में संचालित ऑटो, ई-रिक्शा, सिटी बस और अन्य सिटी परमिट वाली टैक्सी वाहनों में सफर करना सुरक्षित नही होता था ।घर परिवार में हमेशा से ही डर बना रहता था कि महिलाएं किस ऑटो में सफर कर रही है ऑटो चालक कैसा व्यक्ति है पर अब परिजनों की ये परेशानी दूर कर दी है मध्यप्रदेश पुलिस(police) ने।

ट्रैफिक पुलिस ने लांच किया”मय ट्राफिक-मय एप”

ऑटो में सफर करने वाली महिलाएं(women), स्कूल कॉलेज की छात्राएं, नौकरी पेशा महिलाएं और बच्चों की सुरक्षा के साथ अब ऑटो चालक की बदलसलूकी या सामान छूटने की समस्या से निजात जबलपुर पुलिस ने एप के जरिए खोज लिया है। यातायात विभाग द्वारा तैयार कराए गए “माय ट्रैफिक माय सेफ्टी”एप(safety app) को पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने लांच किया।ऑटो में सेफ्टी फीचर और यातायात विभाग द्वारा जारी किए गए नम्बर चस्पा किए गए है जिससे कि आसानी से ऑटो को ट्रेस किया जा सकता है।

मोबाइल एप से कुछ इस तरह से मिलेगी जानकारी

एएसपी अगम जैन ने “माय ट्रैफिक माय सेफ्टी”एप(My traffic my safety “app) की विस्तार से जानकारी दी। बताया कि स्मार्ट यलो कार्ड योजना के अगले चरण में इस एप को विकसित कराया गया है। अभी तक 722 वाहन चालक अपने सत्यापन के लिए फार्म ले चुके हैं। 149 के लगभग अपने दस्तावेज जमा कर चुके हैं। आम लोग इसे गूगल प्लेटफार्म से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद अपना मोबाइल नम्बर इंटर करना होगा। ओटीपी आएगा, उसे इंटर करते ही एप सुविधा के लिए चालू हो जाएगा।उन्होंने कहा कि अभी तक लोक परिवहन सेवा से जुड़े वाहनों की सेफ्टी के लिए कोई पहल नहीं हुई थी।कहा ये भी जा रहा है कि ऑटो में बैठने वाले यात्रियों के लिए पूरे देश मे ये पहला एप है।

एप डाऊनलोड करने से ये होगा फायदा

प्ले स्टोर से पुलिस का “माय ट्रैफिक माय सेफ्टी”एप (My traffic my safety “app) डाउनलोड करने आप वाहन, वाहन का मालिक,वाहन का ड्राइवर और अन्य जानकारी भी पलक झपकते मिल जाएगी।इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस हर ऑटो में एक नंबर भी चस्पा करेगी और इन नम्बरो पर पुलिस की चौथी नजर(सीसीटीवी कैमरा)हमेशा रहेगी।इसके अलावा इस एप में
वाहन के चालक, वाहन मालिक और दस्तावेजों की जानकारी।
-लोक वाहन में सामान छूटने पर उसे ढूंढऩे में मदद मिलेगी।
-लोक वाहनों में स्कूली बच्चों की सुरक्षा अभिभावक सुनिश्चित कर पाएंगे।
-रात में महिलाएं सफर के दौरान एप के माध्यम से वाहन की जानकारी परिजनों से शेयर कर सकती हैं।
-इसमें ऑटो चालकों को ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी जोड़ी जाएगी।

ऑटो चालकों ने भी एप को सराहा

ऑटो चालक कहते हैं कि सभी ऑटो चालक एक जैसे नहीं होते हैं पर यह भी सही है कि हजारों ऑटो की भीड़ में कुछ ऐसे ऑटो चालक भी होते हैं जो कि महिलाओं से बदतमीजी और अभद्रता करते हैं लेकिन अब इस मोबाइल एप के बाद ऐसे ऑटो चालकों पर हमेशा पुलिस की नजर रहेगी क्योंकि महिलाओं से बदसलूकी करते हैं निश्चित रूप से इस मोबाइल के आ जाने से महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में भी काफी हद तक कमी आएगी, वहीं ऑटो चालक संजय कहते हैं कि कोरोना काल में बार-बार पुलिस को दस्तावेज दिखाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। कहा जाता है कि कागज के दस्तावेज इधर से उधर करने पर कोरोना हो सकता है पर आप जब ऑटो में पुलिस के दौरान स्टीकर चिपका दिया जाएगा तो पुलिस इसी स्टीकर के बारकोड से पूरी जानकारी निकाल ली जाएगी।

निर्भया कांड को देखते हुए इजात किया है मोबाइल एप

एप का इजात करने वाले प्रफुल्ल बताते है कि बीते आठ से दस साल ट्रैफिक क्षेत्र में काम करने के दौरान पाया कि जितने भी महिलाओं से संबंधित अपराध हुए है उसमें पब्लिक ट्रांसपोर्ट शामिल था अगर इस सिस्टम पर कंट्रोल करते तो आज ना ही निर्भया कांड होता और ना ही हैदराबाद कांड, उन्होंने कहा कि यही वजह है कि इन तमाम घटनाओं को देखते हुए पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जुड़े हुए ऐप को उन्होंने बनाया और आज फिर इसी ऐप का उद्घाटन पूरे देश के पहले जिले जबलपुर से किया गया। उन्होंने जबलपुर के तमाम परिजनों से अपील की है कि वह अपने बच्चों को सिर्फ उसी ऑटो में बैठा है जिस पर कि पुलिस के द्वारा चस्पा किया गया नंबर लगा हुआ है इससे आपकी महिलाएं बच्चियां पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगी।

इस मोबाइल एप के लॉन्च होने से करीब तीन महीने पहले शुरू की गई यलो स्मार्ट कार्ड को लेकर क्वॉलिटी मैनेजमेंट सिस्टम का ऑडिट कराया गया था। जिसका आईएसओ प्रमाण पत्र यातायात पुलिस जबलपुर को मिला है। तीन महीने में अब तक सोशल माध्यम वाट्सअप पर प्राप्त आवेदन के माध्यम से 5810, ऑफिस आकर 1555, कैम्प में 456, ऑटोडील के माध्यम से 110 कार्ड बनाए जा चुके हैं। कहा जा सकता है कि जबलपुर में जिस तरह से येलोकार्ड सफल रहा है उसी तरह से यह मोबाइल ऐप भी पूरी तरह से सफल होगा और निश्चित रूप से आने वाले दिनों में महिलाओं के साथ होने वाली ऑटो में वसूली की और अभद्रता में काफी हद तक कमी आएगी।जबलपुर, संदीप कुमार।


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