भोपाल।
जबलपुर वरिष्ठ अधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव को मध्यप्रदेश का महाधिवक्ता नियुक्त किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा यह आदेश जारी किया गया। कौरव पहले भी शिवराज सरकार में महाअधिवक्ता रह चुके है। प्रदेश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी को दूसरी बार महाधिवक्ता बनाया गया हो।
दरअसल, पिछले दिनों एमपी में कमलनाथ सरकार के गिरते ही मध्यप्रदेश के महाधिवक्ता शशांक शेखर ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने विधि एवं विधायी कार्यविभाग के प्रमुख सचिव को अपना इस्तीफा सौंपा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए जब सत्ताधारी पार्टी और उसके मुख्यमंत्री ने त्यागपत्र दे दिया है, तो यह मेरा नैतिक दायित्व है कि अपने पद से त्यागपत्र दे दूं। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि अगला महाधिवक्ता कौन होगा? लेकिन गुरुवार को इन सब बातों पर विराम लग गया और कौरव को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई।
शिवराज के करीबी
कौरव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबी माने जाते है।इतना ही नही कौरव शुरू से ही एबीवीपी से जुड़े रहे हैं। सत्ता और संगठन के कई दिग्गजों से उनके करीबी संबंध हैं। प्रदेश में सरकार बदलते ही उन्हें फिर से यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे पिछली भाजपा सरकार में जून 2017 से लेकर दिसंबर 2018 तक महाधिवक्ता रहे थे। कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया था और सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने लग गए थे। अब शिवराज ने दोबारा उन्हें मौका दिया है। प्रदेश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी को दूसरी बार महाधिवक्ता बनाया गया हो।
कौन है कौरव
नरसिंहपुर जिला अंतर्गत गाडरवारा के डोंगरगांव में 4 अक्टूबर 1976 को जन्मे कौरव की प्राथमिक शिक्षा गाडरवारा में ही हुई।
-41 वर्षीय कौरव ने पूर्व में सबसे युवा महाधिवक्ता बनने का गौरव हासिल किया था। अब वे एक बार फिर महाधिवक्ता नियुक्त हुए हैं।
-सन 2001 में एनईएस कॉलेज से एलएलबी और उसके बाद एडवोकेट वीरेन्द्र सिंह चौधरी के साथ वकालत की प्रेक्टिस शुरू की।
-2006 में पेशे का स्वतंत्र रूप से अपनायाऔर 2009 में उपमहाधिवक्ता तो 2012 में अतिरिक्त महाधिवक्ता बने।
-2013 में वे मध्यप्रदेश के सबसे कम उम्र के वरिष्ठ अधिवक्ता बने और फिर उन्हें प्रदेश सरकार ने महाधिवक्ता के महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपी।