सीएम शिवराज के पीडब्ल्यूडी मंत्री ने खोल दी स्वास्थ्य विभाग की पोल, सख्त कार्रवाई का दिया भरोसा

Kashish Trivedi
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सागर, शुभम् पाठक। मामला सागर जिले के गढ़ाकोटा का है। जहाँ से ही पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव है। मंत्री गोपाल भार्गव को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गढ़ाकोटा की लापरवाही की लगातार शिकायत मिल रही थी। इसी को लेकर जब कल गुरुवार देर रात करीब 2:30 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गढ़ाकोटा का औचक निरीक्षण किया तो पाया कि वहाँ ना कोई डाक्टर, ना कोई नर्स, और ना ही कोई स्वास्थ्य कर्मचारी नजर आये। जहाँ एक ओर मुख्यमंत्री और सत्ताधारी पार्टी के नेता आदि लगातार प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की तरीफ करते हुए नहीं थकते। वही इस कोरोना संक्रमण काल में सूबे के ही एक मंत्री के क्षेत्र में ही स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही देखने को मिली है।

इसी को लेकर जब कल देर रात करीब 2:30 बजे मंत्री गोपाल भार्गव ने स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया और इसकी लापरवाही का बीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वीडियो अपडेट किया और लिखा कि– “विगत कुछ दिनों से मुझे शिकायत प्राप्त हो रही थी कि गढ़ाकोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ती है। लेकिन कोई भी डॉक्टर या कर्मचारी उन्हें नहीं मिलते कल देर रात भोपाल से लौटने के उपरांत आज दोपहर मुझे पुनः शिकायत प्राप्त हुई कि अस्पताल में मरीजों के लिए डॉक्टर या कर्मचारी नहीं मिलते तथा शासन द्वारा अस्पताल में उपलब्ध कराई गई दवाइयां, एक्स-रे फिल्म आदि की व्यवस्था भी नहीं है।

जिसके उपरांत आज रात्रि में 2:30 बजे मैंने गढ़ाकोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। मेरे साथ में गढ़ाकोटा नगर के कुछ आमजन भी मौजूद थे। मैंने पूरी अस्पताल का भ्रमण किया। जोर जोर से आवाज भी लगाई लेकिन कोई भी डॉक्टर, कंपाउंडर, नर्स या पैरामेडिकल स्टाफ यहाँ तक कि चोकीदार भी अस्पताल में उपस्थित नहीं मिला । पूरे अस्पताल की परिक्रमा करने के बाद मैं अपनी स्कूटी से अपने घर आ गया, सोच रहा हूं ! कि कैसे गैर जिम्मेदार लोग हैं, की प्रदेश सरकार में मंत्री के गृह नगर के स्वास्थ्य केंद्र के यह हालात है की मंत्री 2:30 बजे रात को जाग रहा है और कर्मचारी दिन में भी नहीं मिल रहे हैं। यही हाल मेरे विधानसभा क्षेत्र के रहली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा शाहपुर स्वास्थ्य केंद्र का भी है मैंने आज यह तय किया है की जब भी मैं अपने क्षेत्र में रहूंगा दिन और रात में कम से कम 2 बार इन अस्पतालों का औचक निरीक्षण अवश्य करूंगा न ही खुद सोऊंगा और न ही सोने दूंगा तथा लापरवाही में लिप्त पाए जाने पर इनके विरुद्ध विधि सम्मत जो भी सख्त कार्यवाही की जा सकेगी उसे भी करूँगा ।

महामारी के संक्रमण काल मे स्वास्थ्य सेवा जैसी आपातकाल सेवाओं में इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त करने लायक बिल्कुल भी नही है, एक तरफ जहां मनरेगा का मजदूर 200 रुपए प्रति दिन की मजदूरी के लिए अपनी हड्डियाँ तोड़ रहा है वही 3-4 हजार रुपए प्रति दिन का मोटा वेतन लेने वाले डॉक्टर और अधिकारी अपने वातानुकूलित घरों में ऐश कर रहे है अब यह नहीं चलेगा | अपने क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों के औचक निरिक्षण के साथ-साथ अब मैं जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओ का निरिक्षण भी सप्ताह में 2 दिन करूँगा | मैंने माननीय मुख्यमंत्री महोदय को भी स्वास्थ्य व्यस्थाओ के संबंध में अवगत कराया था उन्होंने मुझे शीघ्र-अतिशीघ्र व्यवस्थाओं को ठीक कराने का आश्वासन दिया है | सभी व्यवस्थाएं सरकार के भरोसे नही छोड़ी जा सकती, अधिकार प्राप्त जनप्रतिनिधिओ एवं प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारी समझकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर सुधारना चाहिए ।”


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