करीब आठ साल पहले लगाये गए पोधे अब पेड़ बन कर छाया दे रहे हैं। बारहमास हरे भरे रहने वाले अशोक , चम्पा , मुलछरी , पीपल , नीम , आम , बीलपत्र तथा फलदार आंवला यंहा मुख्य वृक्षों में शामिल है। फूलदार देशी गुलाब यंहा बढ़ी मात्रा में लगाये गए हैं जिनके फुलों की महक अनायास ही इसके पास से गुजरने वाले लोगों का ध्यान अपनी ओर खिंच लेती है। इसके अलावा फूलदार गुडहल , रात रानी , मधुकामिनी ,सफेद मोगरा के पोधे भी यंहा लगें है। अग्रेंजी मेहंदी की डिजाइन से मरघट मे अलग अलग खंडों में एरिये को कवर किया गया है।
आकर्षक मोक्ष द्वार व मंदिर
अभी हाल ही में जन सहयोग से मुक्ति धाम के मुख्य प्रवेश द्वार पर सुंदर और आकर्षक मोक्ष द्वार का निर्माण किया गया है तो परिसर में श्रीकाल भैरव का मंदिर , शोकसभा हाल बनकर तैयार हुआ है। बाहर से देखने पर यह एक अत्यंत सुंदर रमणीय स्थल के रूप में परिलक्षित होता है। इसके अलावा हर समय सुखी लकड़ी का स्टाक , पानी स्त्रोत , पर्याप्त बेठने की व्यवस्था , कुर्सियां , धार्मिक और प्रेरणादायक दोहें लिखी तख्तियां सोन्दर्य को बढ़ाती हैं। यंहा के विकास में निर्वाचित ग्राम पंचायतों के सरपंचों , पंचो , दोनों राष्ट्रीय दलों के प्रतिनिधियों , निर्वाचित नगर परिषद अध्यक्ष , क्षेत्रीय विधायकों , सांसदों ,मंत्रीगणों तथा अधिकारियों का सहयोग समय समय पर मिलता रहा।
संरक्षक मण्डल , सो लोगों की समिति
श्रीकाल भैरव मुक्ति धाम सेवा समिति मे वरिष्ठजन संरक्षक प्रकाशचंद्र नपावलिया , पटेल तुलसीराम पाटीदार , रामेश्वर पाटीदार व स्व श्री शंकरलाल जी पाटीदार ने अपने समय में इस मुक्ति धाम मे बाउंड्रीवाल , चबुतरा , शवदाह टीन शेड , लकड़ी भण्डार जेसे ऐतिहासिक कार्यो के साथ आवश्यक विकास के कार्य किये गए। इन्हीं के मार्गदर्शन में युवाओं की टीम ने आगे चलकर श्री काल भैरव मुक्ति धाम सेवा समिति का गठन किया जिसमें सो सदस्य शामिल हैं। अशोक पाटीदार , विमल पाटीदार , घीसालाल मकवाना , सुरेश जाट , दिनेश मकवाना , प्रभूलाल प्रजापति , दिनेश मालू , कारुलाल पाटीदार , दिनेश शर्मा , सुरेश शर्मा , शिवम राजपुरोहित , ईश्वरदास बैरागी , वासुदेव टेलर , हेमंत पुरोहित , पारसमल भोई , गोपाल धोबी , चांदमल टांक , चंन्द्रनारायण पालीवाल , गणेशकाका माली सहित अनेक सदस्य यहां सेवा हेतु हर समय उपलब्ध रहते हैं। इनके अलावा अनेक ऐसे युवा बबलू माली , अनील राठौर , मनोज पाटीदार , संजय सिंह राणावत , नंदकिशोर धोबी , सुनील ( मोडू )पाटीदार , मोनू मकवाना , पंकज धोबी , अंतिम नागदा , विनोद नागदा , चिमन धोबी , विनोद प्रजापत , लोकेश नागदा , राजेंद्र सिंह राणावत , अनील भट्ट , वृदांवन वैद्य , मदनलाल सालवी , लाभचंद माली सहित अनेक युवा जो समिति में नहीं होकर भी यंहा श्रमदान करते हैं।
समिति का लेखा जोखा सरकारी जैसा
समिति का लेखा जोखा सरकारी काम काज जैसा है । आय व्यय के लिए केशबुक , रसीद कट्टे , प्रस्ताव ठहराव रजिस्ट्रर , झोली रजिस्टर , अन्य दान रजिस्टर , सदस्यता पंजी , प्रति तीन वर्ष में निर्वाचन , बैंक अकाउंट तथा प्रतिवर्ष बैठक आयोजित कर उसमें वर्ष भर का आय व्यय ,बचत का पारदर्शी पत्रक पेश करना।
सभी के सहयोग से हमारा लक्ष्य और सुविधाएं उपलब्ध करना है।
मुक्ति धाम के विकास में हर आम व खास का सराहनीय योगदान मिल रहा है जिसके कारण आज यह मरघट वास्तु शास्त्र ,पर्यावरण संरक्षण , बागवानी फूल , सोन्दर्य और मृत्यु उपरांत मरघट मे उपलब्ध संसाधन , सुविधाओं के नाम पर जाना जाता है। सभी का सहयोग हमारा संबल है। समिति के सभी सदस्य प्रति वर्ष सदस्यता शुल्क तो जमा कराते ही है साथ ही श्रमदान मे भी आगे रहते। यंहा विकास की अभी और संभावनाएं है जिन पर कार्ययोजना बनाकर काम किया जावेगा , हमारा लक्ष्य यंहा अभी और सुविधाओं का विस्तार कर नवाचार करने का है।
● दिनेशचंन्द्र वीरवाल , अध्यक्ष श्री काल भैरव मुक्ति धाम सेवा समिति सरवानिया महाराज।