भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी की सदस्यता मिलते ही भोपाल में बने पीसीसी (कांग्रेस कार्यालय) से सिंधिया का केबिन हटा दिया गया है । उनका केबिन पीसीसी के ग्राउंड फ्लोर में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चौहान और संजय सिंह के साथ ही था, उनके स्टाफ को भी केबिन दिया गया था। लेकिन सिंधिया के बीजेपी में शामिल होते ही दोनों केबिन को पीसीसी से उखाड़ फेक दिया गया। सिंधिया से नाराज होने के कारण कांग्रेसियों ने उनकी नेम प्लेट को भी फेंक दिया और उनके नाम का पुतला भी जलाया।
बताया जा रहा है कि जल्द ही पीसीसी के केबिन को किसी दूसरे पदाधिकारियों को दिया जाएगा। बीजेपी में शामिल होने के कारण कांग्रेस सिंधिया से नाराजगी जता रही है इसी के चलते शहर में जगह-जगह प्रदर्शन एवं बयान बाजी हो रही है। सिंधिया एमपी कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष थे। उन्हें कांग्रेस यह जिम्मेदारी सौंपी थी और साथ में एक स्टाफ भी दिया गया था।लेकिन यह पद उन्हें पसंद नहीं आया था। यही वजह थी कि वह सिर्फ उस केबिन में एक या दो बार ही बैठे थे, उनका स्टाफ भी कभी-कभी ही आता था वरना केबिन में हर वक्त ताला लगा रहता था।
ज्योतिरादित्य सिंधिया को समिति अध्यक्ष के अलावा और कोई महत्वपूर्ण पद नहीं सौंपा गया था। हालांकि सिंधिया के समर्थको ने पीसीसी चीफ बनाने की भी मांग की थी। लेकिन लोकसभा ने उन्हें वह पद भी नहीं दिया था। कहा जा रहा है कि सिंधिया के समर्थको की भी सरकार में नहीं चलती थी, यही वजह थी कि वह कांग्रेस से काफी लंबे समय से नाराज चल रहे थे । इस वजह से सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए।