मप्र उपचुनाव 2020 : BJP-कांग्रेस कार्यालय की सुरक्षा बढ़ाई गई, नेताओं की धड़कने तेज

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों (28 Assembly Seats) पर हुए उपचुनाव (By-election) की जारी वोटों की गिनती के बीच बड़ी खबर मिल रही है। भोपाल (Bhopal) स्थित कांग्रेस और BJP कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कार्यालय से लेकर सड़क तक बैरिकेडस लगाए गए हैं। चप्पे चप्पे पर भारी पुलिस (Police) बल तैनात किया गया है।

दोनों ही दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं का कार्यालय पहुंचने का सिलसिला जारी है। आने जाने वाले वाहनों और कार्यकर्ताओं की सघन चेकिंग की जा रही है। दोनों ही पार्टियों ने कार्यकर्ताओं को चुनावी रुझान से अपडेट कराने के लिए बड़ी बड़ी स्क्रीन लगाई है। नेताओं कार्यालय में बैठकर लगातार एक एक बूथ और सीट का अपडेट ले रहे है।

जैसे जैसे नतीजे सामने आते जा रहे है वैसे वैसे कार्यकर्ताओं, नेताओं और उम्मीदवारों की धड़कने तेज होती जा रही है।दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा लगातार दावा किया जा रहा है कि उनकी जीत होगी। एक कांग्रेस कार्यकर्ता कमलनाथ की वापसी का दावा कर रहे है तो दूसरी तरफ बीजेपी के कार्यकर्ता भारी मतों से जीत का दावा ठोक रहे है। हैरानी की बात ये है कि दोनों दलों में उत्साह है लेकिन जश्न जैसा कोई माहौल नही नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि दोनों दलों की ओर से कुछ स्थानों पर जश्न के लिए जरूरी सामग्री का इंतजाम कर रखा है।

ऐसा है संख्या गणित
भाजपा के पास वर्तमान में 107 विधायक हैं और सदन में साधारण बहुमत प्राप्त करने के लिए आठ और सीटें जीतने की आवश्यकता है। दूसरी तरफ कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए 28 विधायकों की जरूरत है। इस साल मार्च के बाद से 26 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस का आंकड़ा 87 हो गया है। अन्य की बात करें तो दो बीएसपी, एक एसपी और चार स्वतंत्र विधायक हैं। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायक सहित सात विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी इन विधायकों से संपर्क बनाने की कोशिश में है, उन्हें विधायक दल की बैठक का न्योता भी दिया गया है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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