भोपाल।
मध्यप्रदेश में बहुप्रतीक्षित शिवराज कैबिनेट के विस्तार(awaited Shivraj cabinet expansion in Madhya Pradesh) के बाद अब विभागों का भी बंटवारा(Departments divided) कर दिया गया है। जिसके बाद अब राज्य शासन 21 जुलाई को विधानसभा में वित्तीय बजट(Financial budget in assembly) पेश करने की तैयारी में है। जहां मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई से होगी। जिसको लेकर विधानसभा सचिवालय ने अधिसूचना(Assembly Secretariat Notification) जारी कर दी है।
दरअसल कोरोना संकटकाल की वजह से टलता आ रहा वित्तीय बजट अब मानसून सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। 20 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र के दौरान 21 जुलाई को शिवराज सरकार विधानसभा में वित्तीय बजट पेश करने की तैयारी में है। जिसके लिए प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल(In-charge Governor Anandiben Patel) से मुलाकात कर उनसे मंजूरी ले ली गई है। वही विधानसभा सचिवालय ने सत्र को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दिया है। पांच दिवसीय चलने वाले मानसून बजट सत्र में पहले दिन श्रद्धांजलि के बाद विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सत्र की कार्यवाही शुरू करेंगे। जहां दूसरे दिन 21 जुलाई को शिवराज कैबिनेट की बैठक मैं बजट को पेश किया जाएगा।
बता दें कि प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए सरकार ने बजट सत्र को स्थगित कर दिया था। शिवराज सरकार का पहला बजट जून-जुलाई में विधानसभा के मानसून सत्र में पेश होना था। जिसे कोरोना संक्रमण की वजह से टाल दिया गया था। वहीँ इससे पहले नए वित्तीय वर्ष में खर्च चलाने के लिए राज्यपाल लालजी टंडन द्वारा अध्यादेश के जरिए राज्य शासन को करीबन एक लाख 66 करोड़ 74 लाख 81 हजार रुपये के लेखानुदान की अनुमति दी गयी थी। इसमें सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 के बजट पुनरीक्षण के साथ मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट प्रस्तुत होना है। ये तय है कि कोरोना संकट का असर बजट पर भी पड़ेगा। जहाँ इस बार न सिर्फ बजट का आकार घटेगा बल्कि विभागों के बजट प्रावधानों में भी बड़े पैमाने पर कांट-छांट होना तय है। माना जा रहा है कि इस साल 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है। इसमें अप्रैल में कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन और पेंशनर्स की पेंशन की राशि भी सरकार की प्राथमिकता है। इसके साथ ही विभिन्न् वित्तीय संस्थानों से लिए कर्ज और ब्याज अदायगी के लिए राशि का प्रावधान किया जाएगा।