मप्र उपचुनाव 2020 : वोटिंग के 1 दिन पहले चर्चाओं में दिग्विजय सिंह का यह Tweet

Pooja Khodani
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digvijay singh

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में 28 विधानसभा सीटों ( 28Vidhansabha Seat) पर होने वाले उपचुनाव (By-election) के लिए 3 नवबंर को वोटिंग (Voting) होनी है। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने ट्वीट कर BJP पर निशाना साधा है।

दिग्विजय सिंह अपने ट्वीटर पर ट्वीट कर लिखा है कि, ‘टिकाऊ या बिकाऊ, ईमानदार या बेईमान, वफ़ादार या ग़द्दार, लोकतंत्र या नोटतंत्र निर्णय आपको करना है। बिकाऊ को सबक़ सिखाओ, लोकतंत्र का सम्मान बचाओ’।हालांकि कि यह पहला मौका नही है, इसके पहले भी दिग्विजय सिंह बीजेपी ,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) और ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को निशाने पर ले चुके है, लेकिन वोटिंग से ठीक 24 घंटे पहले दिग्विजय के इस ट्वीट ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।

बिकाऊ बीजेपी चले गए और टिकाऊ कांग्रेस में रह गए

हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने धार में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि, ‘मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव में बिकाऊ नहीं, टिकाऊ जनप्रतिनिधि चुना जाए’। वहीं पूर्व मंत्री उमंग सिंघार (Former Minister Umang Singhal) की बात का समर्थन करते हुए कहा कि, ‘निश्चित ही कांग्रेस के कई विधायकों को बीजेपी की ओर से प्रलोभन मिला, जो बिकाऊ जनप्रतिनिधि थे, वह बीजेपी में शामिल हो गए, जो टिकाऊ हैं, वह कांग्रेस में रह गए’। दिग्विजय सिंह ने कहा कि, ‘गद्दारी और बिकाऊ के इस दौर में राजा-महाराजा बिक गए, लेकिन आदिवासी जनप्रतिनिधि नहीं बिका। इस बात की उन्हें खुशी है’।

गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के साथ कांग्रेस (Congress) के कई विधायक और सिंधिया के समर्थक बीजेपी में शामिल हो गए। जिसके बाद मध्यप्रदेश के इतिहास (History) में पहले बार 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे है। इसको उपचुनाव में मुद्दा बनाकर कांग्रेस जनता के बीच जा रही है और लोगों से कांग्रेस को वोट करने की अपील कर रही है। कांग्रेस ने चुनाव प्रचार शुरू होने से पहले बिकाऊ और टिकाऊ का नारा दिया था। इसको लेकर कांग्रेस लगातार बीजेपी पर निशाना साध रही है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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