बडी कार्रवाई : दो बड़े हाथी दांत और तेंदुए की खाल  के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार 

Atul Saxena
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जबलपुर, संदीप कुमार। डीआईजी एसटीएफ (STF) उड़ीसा तथा उप निदेशक मध्य क्षेत्र डब्ल्यूसीसीबी (WCCB)के निर्देश पर वन्यजीव अपराध में लिप्त गिरोह और उससे संबंधित अवैध व्यापार को रोकने हेतु लगातार प्रयास जारी है, इसी कड़ी में रविवार को डब्ल्यूसीसीबी (WCCB)को मुखबिर से यह खबर मिली कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति क्योंझर जिले उड़ीसा में भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित वन्यजीवों से जुड़ा सामान बेचने की फिराक में है।

आरटीओ ऑफिस क्योंझार के नजदीक तीन व्यक्ति खड़े थे सदिंग्ध हालत में

खबर प्राप्त होते ही उच्च अधिकारियों द्वारा तुरंत कार्रवाई हेतु वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB)और एसटीएफ (STF) उड़ीसा भुवनेश्वर की संयुक्त टीम का गठन किया गया जिसका नेतृत्व प्रवीण चंद्र त्रिपाठी डीएसपी एसटीएफ (DSP STF)उड़ीसा द्वारा किया गया  खबरी द्वारा दिए गए हुलिया व सूचना के आधार पर क्योंझर जिले की विभिन्न स्थानों पर नाकेबंदी कर संदिग्ध व्यक्तियों की धरपकड़ शुरू की गई काफी मशक्कत के बाद दोपहर को आरटीओ ऑफिस क्योंझार के नजदीक तीन व्यक्तियों को संदिग्ध अवस्था में पाया गया।

दंग रह गई टीम, बड़े हाथी के दांत और तेंदुए की खाल बरामद

जैसे ही संदिग्ध व्यक्तियों को रुकने  के लिए कहा गया उन्होंने सहयोग करने से मना कर दिया और भागना शुरू कर दिया, संयुक्त टीम द्वारा काफी मशक्कत व घेराबंदी करके तीनों संदिग्ध को पकड़ लिया गया, पकडे गए संदिग्ध लोगो से सामान दिखाने के लिए कहा लेकिन वह आनाकानी करने लगे। टीम के सख्ती दिखाने पर जब पकडे गये तस्करों  ने  सामान दिखाया तो टीम दंग रह गई, पकडे गए तस्करों  से दो बड़े हाथी के दांत तथा एक तेंदुए की खाल बरामद की हुई। तीनों व्यक्तियों से मिले वन्यजीव सामान को कब्जे में लेकर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत जारी है।, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो जीवो के अंगों के अवैध व्यापार की चेन को तोड़ने के लिए भविष्य में भी अन्य सुरक्षा एजेंसियों व विभागों के साथ लगातार प्रयत्नशील है, संपूर्ण अभियान को सफल बनाने में विशेष भूमिका उप निरीक्षक नलिनी कांत दास सब इंस्पेक्टर STF उड़ीसा की रही।

बडी कार्रवाई : दो बड़े हाथी दांत और तेंदुए की खाल  के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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