वैनगंगा नदी में पानी खतरे के निशान से ऊपर, बाढ़ में फंसे तीन लोगों को किया गया रेस्क्यु

बालाघाट, सुशील कोरे। जिले में पिछले 48 घंटे में 113 मिमी वर्षा, भीमगढ़ से छोड़े गये दो लाख बीस हजार क्यूसेक पानी से वैनगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर हो गया है। जिससे नदी के तटवर्ती ग्रामों में बाढ़ जैसे हालत होने से गांवों को खाली करा दिया है और यहां के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। प्रशासन भी अलर्ट है। 27 अगस्त की रात्रि से लगातार बारिश 29 अगस्त को भी दोपहर तक होती रही। जिससे जिले में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालत हो गये है। नदियों और डेम का जलस्तर बढ़ने से इसके किनारे पर स्थित गांवो में पानी भर गया है। जिसके कारण कई मार्ग बंद हो गये है। जिले के ग्रामीण अंचलो में बाढ़ जैसे हालत होने और लोगों के फंसे होने पर प्रशासन ने सेना के हेलिकाप्टर की मदद ली है। खैरलांजी के क्षेत्र कुम्हली में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालत में फंसे तीन लोगों को सेना के हेलिकाप्टर के माध्यम से रेस्क्यु किया गया।

भीमगढ़ बांध से 29 अगस्त को सुबह 8 बजे 220000(दो लाख बीस हजार) क्यूसेक पानी वैनगंगा नदी में छोड़ा गया है इसके देर शाम तक बालाघाट पहुंचने के बाद वैनगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है और वह पूरे उफान है, जिसके कारण जागपुर घाट और गायखुरी क्षेत्र सहित इसके तटवर्ती ग्रामों में बाढ़ जैसी स्थिति है। गायखुरी में बाढ़ के हालत पैदा हो गये है। ही यही हालत है। गायखुरी से लगे गोंगलई को जाने वाला मार्ग के में पानी अधिक होने से यह मार्ग बंद हो गया है। वहीं गोंगलई के क्वारेंटाईन सेंटर में पानी भर गया है। वैनगंगा नदी किनारे स्थित कुम्हारी, भमोड़ी, गोंगलई सहित अन्य ग्रामों में बाढ़ का पानी बढ़ने से दर्जनों घरों को खाली करवाया गया और लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। वैनगंगा नदी के तटवर्ती ग्रामों कुम्हारी सहित वारासिवनी, खैरलांजी, रामपायली के ग्रामों में स्थिति काफी खराब है।


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Kashish Trivedi

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