नए नियम को लेकर WhatsApp ने मोदी सरकार खिलाफ खोला मोर्चा, दिल्ली HC में किया मुकदमा दायर

Kashish Trivedi
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट देशभर में सोशल मीडिया (social media) के संचालन के लिए मोदी सरकार (modi government) द्वारा दी गई खत्म हो गई है। इसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (facebook), व्हाट्सएप (whatsapp), टि्वटर (twitter) के देश में बंद होने की खबर सामने आ रही है। इस बीच व्हाट्सएप ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। व्हाट्सएप ने दिल्ली हाई कोर्ट (delhi highcourt) में केस दाखिल करते हुए आज से लागू होने वाले नए आईटी नियम (IT Rules) को रोकने की मांग की है।

दरअसल भारत सरकार के खिलाफ व्हाट्सएप ने मंगलवार 25 मई को मुकदमा दायर किया है। इस मामले में व्हाट्सएप का कहना है कि नए नियम (New IT Rules) से यूजर्स की प्राइवेसी (privacy) प्रभावित होगी। व्हाट्सएप ने अपने बयान में कहा कि सरकार के नए नियम में चैट रेस करने की बात कही गई है। यह एक तरह से वैसे ही है जैसे यूजर्स के फिंगरप्रिंट की जानकारी मांगी जा रही हो। ऐसी स्थिति में व्हाट्सएप द्वारा जारी किए गए एंड 2 एंड इंक्रिप्शन (End to End Encryption) को तोड़ दिया जाएगा और लोगों की निजता हनन होगी।

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व्हाट्सएप ने कहा है कि हम लोगों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से भारत सरकार के साथ जुड़ना जारी रखेंगे लेकिन दुनिया भर में व्हाट्सएप लोगों की निजता की बात के लिए जाना जाता है। अब ऐसी स्थिति में भारत सरकार के नए नियम लोगों की निजता के मौलिक अधिकार का हनन करते हैं। इतना ही नहीं सबसे बढ़िया कंपनी का कोई भी कंटेंट यह मैसेज सबसे पहले कहां से जारी किए गए। इसकी पहचान करने की जरूरत के लिए मैसेज का ओरिजिन तलाशना होगा। जो पूर्ण रूप से गलत है।

इससे पहले गूगल और फेसबुक नए नियम के पालन को लेकर कहा था कि हम कोशिश कर रहे हैं। नए नियम के अनुसार हम प्रक्रिया को लागू करने और दक्षता में सुधार करने का काम कर रहे हैं लेकिन हमारी प्लेटफार्म लोगों को स्वतंत्र रूप से अपने विचार व्यक्त करने की आजादी होगी।

बता दें कि सरकार द्वारा एक कंपनियों को लेकर बड़ा फैसला किया गया था। वहीं नियम बनाने के लिए 90 दिन का वक्त दिया गया था। जिसके डेडलाइन मंगलवार को समाप्त हो गई है। इसके मुताबिक मंत्रालय की तरफ से डिजिटल कंटेंट के लिए 3 महीने के भीतर कंपलेंस अधिकारी, नोडल अधिकारी को नियुक्त करने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही कहा गया था कि इन सभी का कार्य क्षेत्र भारत में होना चाहिए। इतना ही नहीं आदेश के अनुसार कंपनी को कंपलेंस अधिकारी को नियुक्त करने और उनके नाम और कांटेक्ट एड्रेस भारत में होना अनिवार्य किया गया था।


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