मानो एक महीने पहले दी गई बैंगलोर के कॉलेज के युवाओं की सलाह बजट सत्र में केंद्र सरकार द्वारा मान ली गई हो

बंगलौर के स्केलर स्कूल ऑफ बिजनेस ने दो एमबीए छात्रों ने अपने आलेख के जरिए बचत करने का तरीका बताया है। उन्होनें कर्ज से बचने के लिए टिप्स भी साझा किए हैं। आइए जानें आम आदमी अपने खर्चों के साथ कैसे पैसे बचा सकता है?

Manisha Kumari Pandey
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के युवाओं को लेकर बेहद गंभीर है। मोदी जानते हैं कि यदि देश की दिशा और दशा में बदलाव लाना है तो उसके लिए देश के युवा को सशक्त बनाना होगा। इसे लेकर वे लगातार अपनी योजनाओं के माध्यम से अपनी कही हर बात को पुख्ता करते नजर आते हैं। मोदी हर भाषण में यह कहते हुए नजर आते हैं की 2047 का विकसित भारत बिना देश के सशक्त और ऊर्जावान युवा के संभव नहीं है। स्वामी विवेकानंद का भी कहना था की युवा ही है जो देश को पूरी तरह बदल सकते हैं।

पीएम मोदी की बात को सच कर रहे यह दो युवा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वामी विवेकानंद के इन कथनों को सच साबित कर रहे हैं कर्नाटक एसएसबी कॉलेज के छात्र यश गोयल और प्रणव बागला। इन दोनों छात्रों ने आज से एक माह पहले कॉलेज के लिए एक आर्टिकल लिखा था जिसके माध्यम से उन्होंने बताने का प्रयास किया था कि आम इंसान इस बढ़ती महंगाई के जमाने में बचत कर सकता है। सरकार को लेकर भी यश और प्रणव में यह कहा था की सरकार को आमजन को इनकम टैक्स (Income Tax) में रियायत देना चाहिए। बजट सत्र (Budget 2025) के दौरान ऐसा लगा मानो इन दोनों युवाओं की बात सरकार तक पहुंच गई हो।

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कैसे करें बचत?

इसके अलावा इन दोनों छात्रों ने न केवल बचत के तरीकों के बारे में इस आर्टिकल के माध्यम से बताया बल्कि क्या कारण है जिस वजह से आम इंसान पर कर्ज का बोझ पड़ता है इसको लेकर भी जानकारी दी।

क्या हैं कर्ज के कारण?

छात्रों ने इस आर्टिकल के माध्यम से बताया की कैसे वर्तमान में लोग बढ़ती महंगाई के चलते, महंगी पढ़ाई के चलते, महंगी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के चलते कम बचत कर पा रहे हैं, और इसके बाद कैसे उन सभी सुविधाओं को लेने के लिए बैंक लोन, EMI और क्रेडिट कार्ड पर निर्भर हो रहे हैं जिससे अंतत उनकी जेब पर असर पड़ रहा है।

यह सलाह जिससे होगी बचत

प्रणव और यश ने इस समस्या का समाधान बताते हुए अपने आर्टिकल में लिखा की आमजन को छोटी बचत की आदत बनाना चाहिए। हर माह विभिन्न योजनाओं में छोटे निवेश करने चाहिए।

इसके अलावा यदि लोन लेना पड़े या EMI पर सामान खरीदना ही पड़े तो अलग-अलग कंपनियों या बैंकों की एमी दर चेक कर ही निर्णय लें। इससे न केवल उनका अनावश्यक ब्याज खर्च बचेगा बल्कि भविष्य भी सुरक्षित होगा। जैसा कि हमेशा कहा जाता है वर्तमान की बचत भविष्य की पूंजी होती है।

Macroeconomics - Final Assignment (1)

यश गोयल और प्रवण बागला बंगलौर के स्केलर स्कूल ऑफ बिजनेस में MBA के छात्र हैं


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