MP Breaking News
Sun, Dec 21, 2025

Bank Rules : नीलामी की कगार पर पहुंची अपनी प्रॉपर्टी के बाद आप उठा सकते हैं ये कदम, जानिए क्या हैं आपके अधिकार

Written by:Kashish Trivedi
Published:
Bank Rules : नीलामी की कगार पर पहुंची अपनी प्रॉपर्टी के बाद आप उठा सकते हैं ये कदम, जानिए क्या हैं आपके अधिकार

Bank Rules Property Auctioned : आज के समय में आपको मकान खरीदना हो गाड़ी का मालिक बनना हो या कोई भी बड़ी चीज बनानी हो, आप आसानी से बैंक से लोन ले सकते हैं। जाहिर सी बात है जब कोई बड़ा एसेट बनाना होगा तो उसके लिए लोन की राशि भी बड़ी ही होगी। जब भी कोई बड़ा अमाउंट बतौर लोन लेते हैं तो गारंटी के तौर पर कोई संपत्ति गिरवी रखने का नियम पूरा करना चाहिए।

अगर किसी भी कारण से लोन की किश्त लगातार जमा करने से चूके तो एक निश्चित अवधि के बाद बैंक को इस प्रोपर्टी को नीलाम करने का हक होता है। ताकि, वो लोन की राशि नीलामी के जरिए वसूल कर सके। हालांकि बैंक भी जितना हो सके लोन पेयर को मौका देने की कोशिश करते हैं। नीलामी किसी भी लोन की राशि वसूलने का अंतिम जरिया मानी जाती है। इसके बावजूद ऐसी नौबत आ ही गई और आपकी प्रोपर्टी नीलामी की कगार पर पहुंची ही गई तो भी आपके पास कुछ विकल्प बचत हैं। जिसके जरिए आप अपनी संपत्ति को नीलाम होने से बचा सकते हैं।

रिमाइंडर के बाद नोटिस

कोई व्यक्ति अपनी लोन की किश्त नहीं चुका पा रहा है तो लगातार दो माह तक किश्त जमा न होने पर बैंक उन्हें रिमाइंडर भेजता है। तीसरी किस्त में भी चूके तो बैंक के जरिए एक नोटिस मिलता है। इसके बावजूद भुगतान न होने पर कोई भी बैंक राशि को NPA घोषित करता है।

नीलामी के दौरान अधिकार

जब बैंक के अलग अलग किस्म के लगातार रिमाइंडर के बाद भी बॉरोअर लोन चुकाने नहीं पहुंचता है तो बैंक नीलामी की कार्रवाई कर सकता है। किसी भी असेट को नीलाम करने से पहले बैंक उस व्यक्ति या लोन लेने वाले संस्थान को नीलामी संबंधी नोटिस भेजती है। जिसमें रिजर्व प्राइस, नीलामी की तारीख और समय का जिक्र भी किया ही जाता है। अगर बॉरोअर को उस नोटिस में कोई खामी नजर आती है। खासतौर से कीमत को लेकर कोई भी डाउट होने पर बॉरोअर उसे कोर्ट में चुनौती दे सकता है।

अगर आप नीलामी की प्रक्रिया रोक पाने में असमर्थ रहते हैं तो नीलामी की प्रक्रिया पर जरूर नजर रखें। क्योंकि अगर प्रॉपर्टी की नीलामी अच्छी बोली के साथ पूरी होती है। तो, लोन की राशि चुकने के बाद अतिरिक्त रकम पाने का आपको पूरा अधिकार है। बैंक वो अतिरिक्त राशि उस व्यक्ति को लौटानी ही होती है।