पिछले कुछ महीनों में निवेशकों को सुजलॉन एनर्जी ने शानदार मुनाफा कमाकर दिया है। वहीं इसके चलते यह शेयर बाजार में एक प्रमुख मल्टीबैगर स्टॉक के रूप में पहचान बना चुका है। दरअसल ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में पहचान बनाने वाली इस कंपनी ने पिछले 6 महीनों में अपने निवेशकों की पूंजी को दोगुना कर दिया है। हालांकि, इस शानदार रिटर्न के बावजूद, आने वाले समय में निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
दरअसल वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने अब सुजलॉन एनर्जी के शेयर की रेटिंग में बदलाव कर दिया है। जिसके चलते कंपनी के शेयर पर इस रेटिंग से भविष्य की संभावनाओं पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
‘overweight’ से घटाकर ‘equalweight’
वहीं हाल ही में मॉर्गन स्टेनली ने सुजलॉन एनर्जी की रेटिंग को ‘overweight’ से घटाकर ‘equalweight’ कर दिया है। हालांकि, इस रेटिंग में कटौती होने के बावजूद कंपनी ने अपने लक्ष्य मूल्य में वृद्धि की है, जो निवेशकों के लिए एक शानदार संकेत हो सकता है। वहीं अब लक्ष्य मूल्य को 73 रुपये से और अधिक बढ़ाकर 88 रुपये कर दिया गया है, जो मौजूदा मूल्य से लगभग 8% के संभावित लाभ का संकेत दे रहा है।
शेयरों पर भी पड़ा रेटिंग का असर
दरअसल मॉर्गन स्टेनली की रेटिंग में बदलाव का असर सुजलॉन एनर्जी के शेयर पर भी शुक्रवार को देखने को मिला है। वहीं इसके चलते शेयर की कीमत 2% तक गिरकर 80.5 रुपये तक पहुंच गई। हालांकि दिन के अंत में इसमें थोड़ी सुधार दिखाई दी और यह 81.20 रुपये पर बंद हुआ है। हालांकि, पूरे दिन के उतार-चढ़ाव के बाद भी, यह अंत में 0.78% की कमी के साथ बंद हुआ।
‘ओवरवेट’ और ‘इक्वलवेट’ रेटिंग का क्या अर्थ है?
दरअसल आपको बता दें कि ‘ओवरवेट’ रेटिंग का मतलब है कि कोई शेयर अपने सेक्टर के अन्य स्टॉक्स की तुलना में अधिक सफल हो रहा हैं, वहीं ‘इक्वलवेट’ रेटिंग का यह संकेत होता है कि, शेयर का प्रदर्शन उसकी इंडस्ट्री के बाकी शेयरों के बराबर ही रहा है। वहीं इसके साथ ही मॉर्गन स्टेनली ने यह रेटिंग घटाने का निर्णय इस आधार पर लिया है कि भविष्य में सुजलॉन का प्रदर्शन अन्य कंपनियों के बराबर रहने की ही संभावना है। हालांकि किसी भी निवेश से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।