Employee News : इस कंपनी के कर्मचारियों को लग सकता है बड़ा झटका, बना रही छटनी की योजना

Employee News : देश की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता, ओला इलेक्ट्रिक, अपने खर्चों को कम करने और लाभदायक बनने के प्रयास में लगी हुई है। इस निर्णय के चलते कंपनी के सैकड़ों कर्मचारियों की नौकरियों पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

Rishabh Namdev
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Employee News : ओला इलेक्ट्रिक के आईपीओ की चर्चा दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। दरअसल बाजार में कंपनी ने दिसंबर में अपने आगामी आईपीओ के लिए ड्राफ्ट फाइल किया था। लेकिन अब आईपीओ से पहले कंपनी की चर्चा किसी और विषय के चलते तेज हो गई है। जानकारी के मुताबिक अब कंपनी आईपीओ से पहले छंटनी करने की बड़ी योजना पर काम कर रही है। देश की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता, ओला इलेक्ट्रिक, अपने खर्चों को कम करने और लाभदायक बनने के प्रयास में लगी हुई है। इस निर्णय के चलते कंपनी के सैकड़ों कर्मचारियों की नौकरियों पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

जानें कितने कर्मचारियों पर बना है संकट?

दरअसल ईटी की एक रिपोर्ट की माने तो, ओला इलेक्ट्रिक 400 से 500 कर्मचारियों को कंपनी से निकल सकती है। जानकारी के अनुसार अपने संचालन को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से कंपनी छंटनी की योजना बना रही है। इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि छंटनी से प्रभावित होने वाले कर्मचारियों की संख्या आने वाले दिनों में बदल सकती है, क्योंकि कंपनी का वरिष्ठ प्रबंधन अभी छंटनी के पैमाने पर विचार कर रहा है।

इन कर्मचारियों के लिए संकट की घड़ी:

जानकारी के अनुसार ओला इसके पीछे कई बडे कारण भी हो सकते हैं। हालांकि कंपनी के संस्थापक भाविश अग्रवाल आईपीओ से पहले ही अपनी कंपनी को मुनाफे में लाने की दिशा में कड़े कदम उठा रहे हैं। इस छंटनी के प्रभाव का विस्तार अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह कई वर्टिकल्स के कर्मचारियों को प्रभावित कर सकता है। इस स्थिति में, कंपनी के विभिन्न सेक्टरों में काम करने वाले कर्मचारियों पर संभावित छंटनी का आसर हो सकता है।

कंपनी की यह हो सकती है योजना:

दरअसल विभिन्न स्रोतों के अनुसार, कंपनी नए कर्मचारियों को हायर करने की योजना बना रही है, जिन्हें कम वेतन पर नियुक्ति दी जा सकती है ताकि कंपनी की लागत में कटौती हो सके। इस योजना के तहत, पुराने कर्मचारियों की छंटनी के बाद, उन्हें नए और कम वेतन वाले कर्मचारीयों से बदला जा सकता है। इससे कंपनी की ओवरऑल हेडकाउंट में कमी आ सकती है जिससे लागतों में कटौती होगी।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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