नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्रीय सरकार (central government) ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए वार्षिक जीएसटी (GST) या माल और सेवा कर (good and service tax) रिटर्न प्रस्तुत करने की नियत तारीख को दो महीने बढ़ा दिया। नई समय सीमा 31 अक्टूबर के बजाय 31 दिसंबर है। यह वार्षिक रिटर्न दाखिल करने वाले व्यवसायों के लिए लागू है और साथ ही साल 2019, 31 मार्च तक की ऑडिट रिपोर्ट है। इससे पहले, करदाता (taxpayer) ने नियत तारीख (fixed date) को 31 अक्टूबर तक बढ़ा दिया था। अब, व्यवसाय 31 दिसंबर तक वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए फॉर्म GSTR-9 और सुलह कथन (Statement of reconciliation), फॉर्म GSTR-9C का उपयोग करके वार्षिक रिटर्न (annual return) दाखिल कर सकते हैं।
Extension of due dates for Annual Return and Reconciliation Statement for 2018-19 @nsitharamanoffc @ianuragthakur @FinMinIndia pic.twitter.com/bWvaFHNDir
— CBIC (@cbic_india) October 24, 2020
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Indirect Taxes and Customs) ने कहा कि सरकार को कोविड-19 ( COVID-19) से संबंधित प्रतिबंधों के कारण व्यापार (business) में आई बाधा के चलते, नियत तारीख का विस्तार करने की आवश्यकता पर कई प्रतिनिधित्व प्राप्त हो रहे हैं।
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बता दें कि फॉर्म जीएसटीआर 9 का उपयोग पंजीकृत करदाताओं द्वारा हर साल जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए उपयोग किया जाता है। वापसी में विभिन्न शीर्षों के तहत आवक और जावक आपूर्ति का विवरण होता है। फॉर्म जीएसटीआर -9 सी में सामंजस्य का विवरण शामिल है, जीएसटीआर -9 रिटर्न में लेखा परीक्षित वार्षिक विवरणों के साथ मिलान विवरण प्रदान किया गया है।
बता दें कि वर्तमान में, 2 करोड़ से अधिक के कुल वार्षिक टर्नओवर वाले GST आकलनकर्ताओं को अनिवार्य रूप से वार्षिक रिटर्न प्रस्तुत करना होता है। केवल 5 करोड़ से अधिक के सकल वार्षिक कारोबार वाले पंजीकृत जीएसटी आकलनकर्ताओं द्वारा सुलह विवरण (जीएसटीआर-९सी) दाखिल करने के लिए आवश्यक हैं।