अगर आप करते हैं शेयर मार्केट में निवेश तो ज़रूर पढ़े यह खबर!

व्यापर, डेस्क रिपोर्ट। भारतीय लोग अक्सर अपनी बचत (savings) करने की मानसिकता के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्धि रखते हैं। आटे के डिब्बे से निकले नोट की बात करें या गुल्लक में रखे चिल्लर की, हर घर में यह किस्से बड़ी आम सी बात है। बचत करने की और पैसे को सुरक्षित रखने की आदत में ज्यादातर भारतीय केवल लाइफ इंश्योरेंस (life insurance) और सरकारी पॉलिसी (government policies) तक ही सिमट कर रह गए, कारण था सिर्फ एक, “पैसा डूबना का डर”। इसी कारण के चलते ज्यादातर भारतीयों ने खुद को स्टॉक मार्केट से हमेशा दूर रखा। शेयर को जुआ और निवेशक (investor) को जुआरी की श्रेणी में रख अक्सर लोग स्टॉक मार्केट में पैसा डालने से बचते रहे हैं।

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Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।