ATM खोने पर घबराने की नहीं है जरूरत, बस करें ये 6 काम, मिल जाएगा नया कार्ड

अगर आपका भी एटीएम खो गया तो इन 6 स्टेप्स को फॉलो करके दोबारा बनवा सकते हैं।

Shashank Baranwal
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ATM Card: आज का युग डिजीटल का है। लोग अपनी जेब में ज्यादा रुपए लेकर नहीं चलते हैं। आज के समय में ज्यादातर लोग ऑनलाइन पेमेंट करना पसंद करते हैं। इसके अलावा कभी कैश की जरूरत पड़ जाए तो लोग ATM का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, अड़ोस-पड़ोस में सुनने को मिलता रहता है कि व्यक्ति का ATM खो गया है। ऐसे में उन्हें घबराना नहीं चाहिए। इन स्टेप्स को फॉलो कर के वो दूसरा ATM कार्ड बनवा सकते हैं।

फॉलो करें ये 6 स्टेप्स

  • ATM खो जाने पर अपने बैंक को तुरंत सूचित करना चाहिए।
  • बैंक को अपने खोए हुए ATM को ब्लॉक करने के लिए सूचित करना चाहिए। इससे आपके अकाउंट से रुपए निकलने का डर नहीं रहेगा।
  • अपने बैंक से संपर्क करके एक नए ATM कार्ड बनवाने के लिए आवेदन करना पड़ेगा।
  • इसके लिए आपको बैंक की नजदीकी शाखा में जाना पड़ेगा और वहां के कर्मचारियों से संपर्क करना पड़ेगा। इस दौरान वे आपको आवश्यक फॉर्म भरने और नए ATM कार्ड के लिए जरूरी निर्देश देंगे।
  • इस दौरान आप बैंक में अपने पहचान प्रमाण पत्र को साथ लेकर जाएं, क्योंकि बैंक आपसे पहचान की पुष्टि कर सकता है।
  • वहीं कुछ दिनों के बाद आप के पते पर पोस्ट के जरिए नया ATM कार्ड आ जाएगा। इसके बाद आपको संबंधित बैंक की नजदीकी ATM में जाकर पिन जेनरेट करना पड़ेगा।

वहीं ATM कार्ड का उपयोग करते समय सुरक्षा सावधानियों का पालन करना चाहिए। जैसे कि पिन को गोपनीय रखना और सार्वजनिक स्थानों पर अपने कार्ड की जानकारी का उपयोग नहीं करना चाहिए।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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