Tax Saving Tips : फाइनेंशियल ईयर की आखिरी तारीख यानी कि 31 मार्च जैसे जैसे नजदीक आती है लोग टैक्स सेविंग के तरीके तेजी से तलाशने लगते हैं। इस बीच पिछले 18 माह से लगातार इंटरेस्ट बढ़ने के बाद, अब लोग नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट और टैक्स सेविंग बैंक डिपॉजिट की तरफ अट्रैक्ट हो रहे हैं। अगर आप आखिरी वक्त तक कोई ऑप्शन नहीं सोच सके हैं और अपने पैसों की सुरक्षा को लेकर बहुत ज्यादा फिक्रमंद हैं तो आप इन दोनों ऑप्शन के बारे में जरूर सोच सकते हैं।
क्या हैं NSC और टैक्स सेविंग्स बैंक FD?
आप NSC चुनें या फिर टैक्स सेविंग्स बैंक एफडी चुनें दोनों की ही अवधि पांच साल की होती है। इसका सीधा सा अर्थ ये है कि आपकी जमा राशि पांच साल में मैच्योर हो सकेगी। इन दोनों को मिलाकर आप डेढ़ लाख रु. तक का इंवेस्टमेंट कर टैक्स पर छूट हासिल कर सकते हैं। दोनों में ही इंटरेस्ट पहले से तय होता है। लेकिन आप तय समय से पहले पैसे नहीं निकाल सकते। तब ही आपको पूरा इंटरेस्ट मिल सकेगा।
इतना है इंटरेस्ट रेट?
NSC का इंटरेस्ट रेट अधिकांश संस्थानों में 7 फीसदी है जबकि टैक्स सेविंग्स फिक्स्ड डिपॉजिट का इंटरेस्ट रेट छह से लेकर 7.6 फीसदी तक हो सकता है। कुछ संस्थानों पर सीनियर सिटीजन्स को एफडी पर ज्यादा इंटरेस्ट ऑफर किया जाता है। एक्सपर्ट की राय अक्सर यही होती है कि आपको निवेश पर रिस्क नहीं लेना है तो ऐसे निवेशकों के लिए ये दोनों ऑप्शन बेस्ट हैं। ऐसे इंवेस्टर्स के लिए ये एक रिस्क फ्री टैक्स बेनेफिट ऑप्शन है। जिसमें एक बार निवेश करने के बाद किसी तरह के फॉलोअप की जरूरत भी नहीं पड़ती।
कितने समय के लिए करें निवेश?
इन दोनों में से किसी भी स्कीम में सेव करने के लिए आपको कम से कम पांच साल का इंवेस्टमेंट करना होगा। टैक्स सैविंग के दूसरे मौजूदा ऑप्शन के मुककाबले ये थोड़ा ज्यादा समय है। म्यूचुअल फंड की टैक्स सेविंग स्कीम में लॉकिंग पीरियड सिर्फ तीन साला का होता है लेकिन एनएससी और एफडी में जमा की गई राशि पर टैक्स बचता है। इसलिए निवेशक इसे ज्यादा पसंद करते हैं।