Success Story : अक्सर इंसान नहाने के लिए कोई अच्छी सी साबुन को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनते हैं क्योंकि साबुन हमारे शरीर से गंदगी को हटाने का काम करते हैं। साबुन से नहाने के बाद आपको फ्रेश फील होगा। इंडियन मार्केट में एक से बढ़कर एक साबुन मौजूद है, जिनमें डब लाइफ बाय से लेकर तमाम डेली शॉप प्रोडक्ट्स उपलब्ध है। इन्हीं में से एक नीमा सैंडल भी है, जिसका नाम हम सभी बचपन से ही सुनते आ रहे हैं तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको यह बताएंगे कि नीमा सैंडल कैसे आज घर-घर की पहचान बन चुका है और लोगों के बीच अपना विश्वास भी जमा चुका है। आईए जानते हैं विस्तार से…
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शुरुआती दिनों में नीमा सैंडल की खुशबू इतनी ज्यादा अच्छी थी कि वह लोगों को अपनी और आकर्षित करती ही थी लेकिन कीमत ज्यादा होने के कारण अधिकतर लोग इसे खरीद नहीं पाते थे। धीरे-धीरे किसने लोगों के घरों में अपनी पकड़ बनाई। साल 1982 में यह कंपनी सरकार के साथ विलय हो गई। इसके बाद कर्नाटक सॉप एंड डिटर्जेंट लिमिटेड ने इसकी मैन्युफैक्चरिंग की इसके विज्ञापन को आकर्षित बनाया और इसके बहुत से वेरिएंट्स निकले धीरे-धीरे साबुन की लोकप्रियता बढ़ने लगी आलम यह था कि अब इसका प्रचार प्रसार ट्राम टिकट से लेकर माचिस के डिब्बे तब भी पहुंच गया था।
नेटवर्थ
साल 2006 में कंपनी ने पूरे 100 साल की। इस दौरान कंपनी का टर्नओवर 447 करोड़ का हो चुका था। वहीं, अब कंपनी का टर्नओवर मीडिया सूत्रों के अनुसार लगभग 700 करोड़ से ऊपर का हो चुका है। आज भी यह साबुन लोगों को काफी ज्यादा पसंद है, लेकिन विदेशी डेली सोप्स और अन्य खुशबूदार साबुन के साथ आज भी वैसी ही पकड़ बनाए रखना बहुत बड़ा चैलेंजिंग काम है।