जिम में आया था आइडिया, आज OTT की बादशाह बनी CD बेचने वाली कंपनी Netflix, पढ़ें Success Story

क्या आप जानते हैं मनोरंजन की इस दुनिया में नेटफ्लिक्स को बादशाह बनाने के पीछे किसका हाथ था। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको नेटफ्लिक्स कंपनी की शुरुआत से लेकर अब तक की संघर्ष भरी दिलचस्प सक्सेस स्टोरी बताते हैं।

Sanjucta Pandit
Published on -

Netflix Success Story : वर्तमान की बात करें, तो OTT के इस जमाने में नेटफ्लिक्स को हर कोई जानता है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक नेटफ्लिक्स पर अपनी पसंदीदा मूवी और शो देखना पसंद करते हैं। नेटफ्लिक्स में आप फिल्में, टीवी शो, डॉक्यूमेंट्री और ओरिजिनल प्रोडक्शन देख सकते हैं। नेटफ्लिक्स ने विश्वभर में अपनी सेवाएं उपलब्ध करवाई हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं मनोरंजन की इस दुनिया में नेटफ्लिक्स को बादशाह बनाने के पीछे किसका हाथ था। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको नेटफ्लिक्स कंपनी की शुरुआत से लेकर अब तक की संघर्ष भरी दिलचस्प सक्सेस स्टोरी बताते हैं।

जिम में आया था आइडिया, आज OTT की बादशाह बनी CD बेचने वाली कंपनी Netflix, पढ़ें Success Story

जिम में आया था आइडिया

दरअसल, साल 1997 में रीड हेस्टिंग्स ने वीडियो स्टोर से एक फिल्म की कैसेट किराए पर ली थी और समय पर उसे लौटा नहीं पाए थे। इस कारण उनसे 40 डॉलर की लेट फीस वसूली गई। जिससे रीड काफी निराश हुए और उन्होंने सोचा कि इस समस्या का कोई बेहतर समाधान होना चाहिए। तभी जिम में कसरत करते वक्त उन्हें एक आइडिया आया। उन्होंने देखा कि जिम का रेवेन्यू मॉडल बहुत प्रभावी है, जिसमें लोग एक महीने का सब्सक्रिप्शन लेते हैं और जितना चाहे उतना कसरत कर सकते हैं। उन्होंने सोचा कि क्यों न ऐसा ही एक मॉडल फिल्मों के लिए बनाया जाए, जिसमें एक बार सब्सक्रिप्शन लेने पर लोग जितनी चाहें उतनी फिल्में देख सकें। जिसके बाद उन्होंने नेटफ्लिक्स की नींव रखी और अपने दोस्त मार्क रैंडॉल्फ के साथ मिलकर 29 अगस्त 1997 को कैलिफोर्निया के स्कॉट्स वैली में नेटफ्लिक्स कंपनी की स्थापना की। कंपनी की शुरुआत 30 कर्मचारियों और 25 लाख डॉलर के निवेश से हुई थी। शुरुआत में नेटफ्लिक्स डीवीडी रेंटल सेवा के रूप में शुरू हुआ, जिसमें ग्राहक वेबसाइट पर डीवीडी किराए पर लेते थे। जिसके बाद नेटफ्लिक्स ने अपनी सेवा को डिजिटल स्ट्रीमिंग में बदल दिया।

1998 में बढ़ा बिजनेस

नेटफ्लिक्स ने 1998 में अपने बिजनेस का दायरा बढ़ाते हुए सीडी और डीवीडी बेचने का काम भी शुरू किया। कंपनी ने अपनी वेबसाइट नेटफ्लिक्स डॉट कॉम (Netflix.com) लॉन्च की, जिससे ग्राहक ऑनलाइन सीडी और डीवीडी खरीद सकते थे। हालांकि, 1999 में नेटफ्लिक्स ने अपने बिजनेस मॉडल को बदलते हुए महीने वाले सब्सक्रिप्शन प्लान पर काम करना शुरू किया। इस नए सब्सक्रिप्शन मॉडल के तहत, ग्राहक एक मंथ का शुल्क देकर बिना किसी लेट फीस के जितनी चाहें उतनी DVD किराए पर ले सकते थे। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक साल के भीतर नेटफ्लिक्स के 3 लाख सब्सक्राइबर हो गए।

रेड नोटिस फिल्म ने बनाया रिकॉर्ड

इस दौरान बड़ी कंपनियों ने 2000 में नेटफ्लिक्स को 50 मिलियन डॉलर में खरीदने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन रीड हेस्टिंग्स ने इस प्रपोशल को रिजेक्ट कर दिया था। साल 2003 तक नेटफ्लिक्स के पास 10 लाख सब्सक्राइबर हो गए थे। साल 2005 तक नेटफ्लिक्स के पेड यूजर्स की संख्या 42 लाख हो गई थी और अब कंपनी के पास 35,000 फिल्में उपलब्ध थीं। कंपनी इतनी बड़ी हो गई थी कि यह रोजाना 10 लाख डीवीडी कस्टमर्स को डिलीवर करने लगी थी। बता दें कि मार्क के रिटायरमेंट से पहले ही नेटफ्लिक्स एक बड़ी कंपनी बन चुकी थी। इसके अलावा, नेटफ्लिक्स ने अपने खुद के ओरिजिनल कंटेंट का निर्माण भी शुरू किया। इसका उद्देश्य था कि दर्शकों को ऐसे कंटेंट दिए जाए, जो उन्हें कहीं और न मिल सके। साल 2021 में आई “रेड नोटिस” ने एक अलग रिकॉर्ड बनाया है। बता दें कि फिल्म रिलीज होने के एक महीने के भीतर 364 मिलियन घंटे देखी गई।

लोकप्रिय स्ट्रीमिंग सेवाओं में से एक

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2011 तक नेटफ्लिक्स के पास 21.5 मिलियन सब्सक्राइबर थे। बात करें साल 2021 की तो नेटफ्लिक्स ने 29.69 अरब डॉलर का राजस्व कमाया। इसके 65 प्रतिशत सब्सक्राइबर अमेरिका और कनाडा के बाहर के थे। वहीं, साल 2022 की तीसरी तिमाही तक नेटफ्लिक्स के ग्राहकों की संख्या 223.09 मिलियन तक पहुंच गई थी। आज नेटफ्लिक्स दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय स्ट्रीमिंग सेवाओं में से एक है।


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News