नया वित्तवर्ष शुरू होने से पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की बड़ी कार्रवाई (RBI Action) सामने आई है। देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक “HDFC Bank” पर 75 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है। वहीं पब्लिक सेक्टर के पंजाब एंड सिंध बैंक पर आरबीआई ने 68.20 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के विभिन्न प्रावधानों के तहत केन्द्रीय बैंक ने यह कार्रवाई की है।
वर्ष 2023 में आरबीआई ने पीएसबी और एचडीएफसी बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन को लेकर वैधानिक निरीक्षण किया था। इस दौरान दिशानिर्देशों के अनुपालन में कमी का खुलासा हुआ। जिसके बाद बैंकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। नोटिस पर प्राप्त प्रतिक्रिया और अन्य प्रस्तुतियों के आधार पर आरोपों की पुष्टि होने के बाद मौद्रिक जुर्माना लगाने का फैसला लिया गया।

बैंकों पर लगे ये आरोप
- एचडीएफसी बैंक ने अपने आकलन और जोखिम धारणा के आधार पर कुछ ग्राहकों को निम्न, माध्यम या उच्च जोखिम श्रेणी में वर्गीकृत नहीं किया। इसके अलावा बैंक ने प्रत्येक ग्राहक के लिए एक विशिष्ट ग्राहक पहचान कोड के बजाय कुछ ग्राहकों को कई ग्राहक पहचान कोड आवंटित किए।
- पंजाब एंड सिंध बैंक ने 5 करोड़ रुपये और उससे अधिक के गैर-निधि आधारित जोखिम वाले कुछ उधारकर्ताओं की रिपोर्ट सीआरआईएलसी को नहीं दे पाया। कुछ बीएसडीए धारकों को बचत बैंक जमा खाते खोलने की अनुमति भी दी।
इन फाइनेंस कंपनी के खिलाफ भी आरबीआई ने उठाया सख्त कदम
केन्द्रीय बैंक ने केएलएम एक्सिवा फिनवेस्ट लिमिटेड पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कंपनी ने पिछले तीन सालों में प्रत्येक में न्यूनतम विवेकपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा नहीं नहीं करने के बावजूद वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए लाभांश घोषित किए।
ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा असर
आरबीआई की इस कार्रवाई का असर बैंक या कंपनी से जुड़े ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा। इस संबंध में स्पष्टीकरण भी जारी किया है। रिजर्व बैंक ने कहा, “यह कारवाई दिशानिर्देशों के अनुपालन में खामियों पर आधारित है। बैंक/कंपनी और ग्राहकों के बीच हो रहे लेनदेन या एग्रीमेंट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।”